शिवराज पाटिल की टिप्पणी अस्वीकार्य, भगवद्गीता भारतीय सभ्यता का मौलिक स्तंभ: कांग्रेस

शिवराज पाटिल की टिप्पणी अस्वीकार्य, भगवद्गीता भारतीय सभ्यता का मौलिक स्तंभ: कांग्रेस

पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि जिहाद की अवधारणा न केवल इस्लाम में, बल्कि भगवद्गीता और ईसाई धर्म में भी थी


नई दिल्ली/भाषा। कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता शिवराज पाटिल की एक टिप्पणी को ‘अस्वीकार्य’ करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि भगवद्गीता भारतीय सभ्यता का मौलिक स्तम्भ है।

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पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि जिहाद की अवधारणा न केवल इस्लाम में, बल्कि भगवद्गीता और ईसाई धर्म में भी थी। उन्होंने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मोहसिना किदवई की एक पुस्तक के विमोचन के मौके पर यह टिप्पणी की।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘मेरे वरिष्ठ सहयोगी शिवराज पाटिल ने भगवद्गीता पर कथित तौर पर कुछ टिप्पणी की, जो अस्वीकार्य है। बाद में उन्होंने स्पष्टीकरण दिया। कांग्रेस का रुख स्पष्ट है कि भगवद्गीता भारतीय सभ्यता का मौलिक स्तम्भ है।’

उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुस्तक ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ का एक अंश भी साझा किया जिसमें कहा गया है कि भगवद्गीता का संदेश सार्वभौमिक है और सभी के लिए है।

रमेश ने कहा, ‘मैंने किशोरावस्था में ही भगवद्गीता का अध्ययन किया और सांस्कृतिक एवं दार्शनिक मूलग्रंथ के रूप में इसके प्रति मेरा बहुत आकर्षण रहा है। इसका युगों से भारतीय सभ्यता पर व्यापक असर रहा है। मैंने अपनी किताब ‘द लाइट ऑफ एशिया’ में भी इसके बारे में लिखा है।’
 

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