रेलवे की जटिल प्रणाली के कुशल संचालन में सहायक सिद्ध होगा गतिशक्ति विश्वविद्यालयः वैष्णव
परिवहन क्षेत्र बहुत जटिल है और विशेष रूप से रेलवे तथा मेट्रो की जटिलता का अनुमान लगाना कठिन है
नई दिल्ली/भाषा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि देश में रेलवे समेत परिवहन का क्षेत्र बहुत जटिल है और इसके कुशल संचालन के लिए गतिशक्ति विश्वविद्यालय का केंद्र सरकार का विचार महत्वपूर्ण साबित होगा।
उन्होंने लोकसभा में ‘केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, 2022’ पर चर्चा के दौरान हस्तक्षेप करते हुए यह बात कही। विधेयक के माध्यम से वड़ोदरा (गुजरात) स्थित राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान को गतिशक्ति विश्वविद्यालय में परिवर्तित किया जाना है।विभिन्न विषयों पर विपक्षी दलों के शोर-शराबे के बीच ही वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में शुरू की गई नई शिक्षा नीति के साथ भारत के ढांचे को बदलने का प्रयास किया जा रहा है और उसी का उदाहरण यह विधेयक है।
उन्होंने कहा कि परिवहन क्षेत्र बहुत जटिल है और विशेष रूप से रेलवे तथा मेट्रो की जटिलता का अनुमान लगाना कठिन है।
वैष्णव ने कहा कि रेलवे की जटिल प्रणाली को सही से चलाने और आगे बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा की बहुत जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसी विचार के साथ 2018 में राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान खोला गया था।
उन्होंने कहा कि उसके अच्छे परिणाम को देखते हुए व्यापक रूप से गतिशक्ति विश्वविद्यालय की परिकल्पना की गई है। रेल मंत्री ने कहा कि जिन देशों में रेलवे का बड़ा नेटवर्क है, वहां ऐसे विश्वविद्यालय हैं।
उन्होंने कहा कि गतिशक्ति विश्वविद्यालय पांच प्रमुख उद्देश्यों के साथ काम करेगा जिनमें परिवहन से संबंधित पाठ्यक्रम, कौशल विकास, अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास और परिवहन अर्थशास्त्र तथा अवसंरचना वित्तपोषण शामिल हैं।
वैष्णव ने कहा कि संस्थान का मुख्यालय वड़ोदरा में होगा और देश में अन्य स्थानों पर इसके परिसर खोले जाएंगे।