तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक को लोकसभा में मंजूरी

तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक को लोकसभा में मंजूरी

तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए लोकसभा में पेश विधेयक पटल पर रखे जाने के कुछ ही मिनटों के भीतर पारित हो गया


नई दिल्ली/दक्षिण भारत/भाषा। लोकसभा ने सोमवार को विपक्ष के हंगामे के बीच तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को बिना चर्चा के मंजूरी दी। तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए लोकसभा में पेश विधेयक पटल पर रखे जाने के कुछ ही मिनटों के भीतर पारित हो गया।

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इसी के साथ उक्त कानूनों को निरस्त करने की दिशा में सरकार ने कानूनी कदम उठा लिए हैं। केंद्र सरकार के इन कानूनों का सालभर से किसानों द्वारा विरोध किया जा रहा था, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक देवजी के प्रकाश पर्व पर देशवासियों को संबोधित करते हुए इन्हें निरस्त करने का ऐलान किया था। 

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बजे निचले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने सभा पटल पर आवश्यक कागजात रखवाए। इसके बाद कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 पेश किया।

इसके फौरन बाद कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने विधेयक पर चर्चा कराने की मांग शुरू कर दी। हालांकि इसकी मंजूरी नहीं देते हुए अध्यक्ष बिरला ने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं है।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज सदन में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। इस विधेयक को चर्चा के बाद पारित कराने की बात कही गई लेकिन इस पर सरकार चर्चा क्यों नहीं करना चाहती है? कई अन्य विपक्षी सदस्यों को भी कुछ कहते देखा गया लेकिन शोर शराबे में उनकी बात नहीं सुनी जा सकी।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं है और इस हालात में चर्चा कैसे करायी जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘आप (विपक्षी सदस्य) व्यवस्था बनाये तब चर्चा कराई जा सकती है।’

इसके बाद सदन ने शोर शराबे में भी ही बिना चर्चा के कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को मंजूरी दे दी। इसके बाद अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही दोपहर बाद दो बजे तक के लिये स्थगित कर दी।

इससे पहले आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने हाल में हुए उपचुनाव में निर्वाचित दो नये सदस्यों प्रतिभा सिंह और ज्ञानेश्वर पाटिल से शपथ ग्रहण आग्रह किया। इसके बाद सिंह और पाटिल ने सदस्यता की शपथ ग्रहण की।

इसके बाद अध्यक्ष ने सदन को आठ पूर्व सदस्यों के निधन की जानकारी दी। सदन ने कुछ पल मौन रखकर इन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

लोकसभा अध्यक्ष ने इसके बाद जैसे ही प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू करने को कहा, वैसे ही कांग्रेस सहित कुछ दलों के सदस्य अपने स्थान से शोर शराबा करने लगे। शोर—शराबे के बीच ही एक प्रश्न को लिया गया।

विपक्षी सदस्य ‘किसानों को न्याय दो’ के नारे लगा रहे थे। इस दौरान अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से शांत रहने की अपील करते हुए कहा कि देश की जनता चाहती है कि सदन की कार्यवाही चले, ऐसे में जनता की भावना और सदन की मर्यादा का ध्यान रखें।

उन्होंने कहा कि जनता से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर अपनी बात रखें एवं परंपराओं का ध्यान रखें।इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
 

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