लोग सप्ताह के किसी भी दिन और किसी भी समय लगवा सकते हैं कोविड-19 का टीका: हर्षवर्धन

लोग सप्ताह के किसी भी दिन और किसी भी समय लगवा सकते हैं कोविड-19 का टीका: हर्षवर्धन

लोग सप्ताह के किसी भी दिन और किसी भी समय लगवा सकते हैं कोविड-19 का टीका: हर्षवर्धन

प्रतीकात्मक चित्र। फोटो स्रोत: PixaBay

नई दिल्ली/भाषा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को बताया कि सरकार ने कोरोना वायरस से शीघ्र निपटने के मकसद से टीकाकरण की गति तेज करने के लिए कोविड-19 टीका लगवाने संबंधी समय की बाध्यता हटा दी है और अब लोग अपनी सुविधा के अनुसार सप्ताह के किसी भी दिन एवं किसी भी समय टीका लगवा सकते हैं।

हर्षवर्धन ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वास्थ्य एवं देशवासियों के समय की अहमियत समझते हैं। हर्षवर्धन ने ट्वीट किया, ‘सरकार ने टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने के लिए समय की बाध्यता समाप्त कर दी है। देश के नागरिक अब अपनी सुविधानुसार सप्ताह के किसी भी दिन और किसी भी समय टीका लगवा सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ-साथ उनके समय की कीमत बखूबी समझते हैं।’

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि लोगों को टीका लगाने की सुबह नौ से शाम पांच बजे तक की समय सीमा समाप्त कर दी गई है और अब अस्पतालों को यह फैसला करना है कि वे इस समय सीमा के बाद भी टीका लगाना जारी रखना चाहते हैं या नहीं।

कोविड-19 का राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी से स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाने के साथ शुरू हुआ था। जिन लोगों को पहली खुराक लगवाए 28 दिन हो चुके हैं, उन्हें 13 फरवरी से दूसरी खुराक लगानी शुरू कर दी गई थी। वहीं, अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का टीकाकरण दो फरवरी से शुरू हुआ था।

इसके बाद, एक मार्च से 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण शुरू हो गया। बुधवार सुबह सात बजे तक की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में 3,12,188 सत्रों में 1.56 करोड़ (1,56,20,749) टीकों की खुराक दी जा चुकी है।

जिन लोगों को टीकों की खुराक दी गई हैं, उनमें 67,42,187 स्वास्थ्यकर्मी (पहली खुराक), 27,13,144 स्वास्थ्यकर्मी (दूसरी खुराक), 55,70,230 अग्रिम मोर्चें के कर्मी (पहली खुराक), 834 अग्रिम मोर्चे के कर्मी(दूसरी खुराक), अन्य बीमारियों से ग्रसित 45 से अधिक आयु वर्ग के 71,896 लाभार्थी (पहली खुराक) और 60 वर्ष से अधिक आयु के 5,22,458 लाभार्थी शामिल हैं।

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