‘मेड इन इंडिया’ वैक्सीन अपने लिए भी और दुनिया की मदद के लिए भी, देश को वैज्ञानिकों पर गर्व: मोदी

‘मेड इन इंडिया’ वैक्सीन अपने लिए भी और दुनिया की मदद के लिए भी, देश को वैज्ञानिकों पर गर्व: मोदी

‘मेड इन इंडिया’ वैक्सीन अपने लिए भी और दुनिया की मदद के लिए भी, देश को वैज्ञानिकों पर गर्व: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। फोटो स्रोत: भाजपा ट्विटर अकाउंट।

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिलॉन्ग के पूर्वोत्तर इंदिरा गांधी क्षेत्रीय स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संस्थान (एनईआईजीआरआईएचएमएस) में 7,500वां जन औषधि केंद्र राष्ट्र को समर्पित किया।

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इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जन औषधि चिकित्सक, जन औषधि ज्योति और जन औषधि सारथी, ये तीन महत्वपूर्ण सम्मान पाने वाले सभी साथियों को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जन औषधि योजना को देश के कोने-कोने में चलाने वाले और कुछ लाभार्थियों से आज मुझे बात करने का अवसर मिला और जो चर्चा हुई है, उसमें स्पष्ट हुई है कि ये योजना गरीब और विशेष रूप से मध्यम वर्गीय परिवारों की बहुत बड़ी साथी बन रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जन औषधि योजना सेवा और रोजगार दोनों का माध्यम बन रही है। जन औषधि केंद्रों में सस्ती दवाई के साथ-साथ युवाओं को आय के साधन मिल रहे हैं। 1,000 से ज्यादा जन औषधि केंद्र तो ऐसे हैं, जिन्हें महिलाएं ही चला रही हैं यानी ये योजना बेटियों की आत्मनिर्भरता को भी बल दे रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना से पहाड़ी क्षेत्रों में, नॉर्थईस्ट में, जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले देशवासियों तक सस्ती दवा देने में मदद मिल रही है। आज 7,500वे केंद्र का लोकार्पण किया गया है तो वो शिलांग में हुआ है। नॉर्थईस्ट में जनऔषधि केंद्रों का कितना विस्तार हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 7,500 के पड़ाव तक पहुंचना इसलिए भी अहम है, क्योंकि 6 साल पहले देश में ऐसे 100 केंद्र भी नहीं थे। हम जितना जल्दी हो सके, उतना जल्दी 10,000 का लक्ष्य पूर्ण करना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना से फार्मा सेक्टर में संभावनाओं का एक नया आयाम भी खुला है। आज मेड इन इंडिया दवाइयां और सर्जिकल्स की मांग भी बढ़ी है। मांग बढ़ने से उत्पादकता भी बढ़ी है, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मोटे अनाजों को न सिर्फ प्रोत्साहित किया जा रहा है, बल्कि अब भारत की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष भी घोषित किया है। बाजरा पर फोकस से देश को पौष्टिक अन्न भी मिलेगा और हमारे किसानों की आय भी बढ़ेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में इलाज में आने वाले हर तरह के भेदभाव को समाप्त करने का प्रयास किया गया है, इलाज को हर गरीब तक पहुंचाया गया है। ज़रूरी दवाओं को, हार्ट स्टेंट्स, नी सर्जरी से जुड़े उपकरणों की कीमत को कई गुना कम कर दिया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को आज अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है कि हमारे पास मेड इन इंडिया वैक्सीन अपने लिए भी है और दुनिया की मदद करने के लिए भी है। हमारी सरकार ने यहां भी देश के गरीबों का, मध्यम वर्ग का विशेष ध्यान रखा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सरकारी अस्पतालों में कोरोना का फ्री टीका लगाया जा रहा है। प्राइवेट अस्पतालों में दुनिया में सबसे सस्ता यानी सिर्फ 250 रुपए का टीका लगाया जा रहा है।

आयुष्मान योजना से देश के 50 करोड़ से ज्यादा गरीब परिवारों को पांच लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज सुनिश्चित किया गया है। इसका लाभ 1.5 करोड़ से ज्यादा लोग ले चुके हैं, अनुमान है कि लोगों को इससे भी करीब 30 हजार करोड़ रुपए की बचत हुई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 से पहले जहां देश में लगभग 55 हज़ार एमबीबीएस सीटें थीं, वहीं छह साल के दौरान इसमें 30 हजार से ज्यादा की वृद्धि की जा चुकी है। इसी तरह पीजी सीटें भी जो 30 हज़ार हुआ करती थीं, उनमें 24 हज़ार से ज्यादा नई सीटें जोड़ी जा चुकी हैं।

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