राज्य सरकार द्वारा नवोदय विद्यालयों में रुचि नहीं लेना दुर्भाग्यपूर्ण : जावड़ेकर
राज्य सरकार द्वारा नवोदय विद्यालयों में रुचि नहीं लेना दुर्भाग्यपूर्ण : जावड़ेकर
चेन्नई। गुरुवार को चेन्नई के दौरे पर पहुंचे केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जाव़डेकर ने गुरुवार को यहां गिंडी में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि केन्द्र सरकार देश में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए लगातार कदम उठा रही है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि नवोदय विद्यालयों की स्थापना देश के ग्रामीण पृष्ठभूमि और आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए की गई है और यह देश के कुछ ऐसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से है जो अपने स्थापना के उद्देशयों को पूरा करने में सफल हुआ है। उन्होंने कहा कि नवोदय विद्यालय का कुछ लोगों द्वारा यह कहकर विरोध किया जा रहा है कि केन्द्र सरकार इसके माध्यम से हिन्दी थोपने की कोशिश कर रही है। इस प्रकार के आरोप निराधार हैं।उन्होंने कहा कि इससे भी दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि राज्य सरकार भी राज्य में नवोदय विद्यालयों की स्थापना में रुचि नहीं दिखा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को तमिलनाडु के गरीब और ग्र्रामीण पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए नवोदय विद्यालय को राज्य में लाने के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां अन्य राज्यों को इस प्रतिष्ठित संस्थान से लाभ हो रहा है और इस विद्यालय से पढने वाले बच्चे अपने राज्य और देश का नाम ऊंचा कर रहे हैं वहीं राज्य के विद्यार्थी सिर्फ राजनीतिक कारणों से इसका लाभ नहीं उठा रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा(एनईईटी) को इस उद्देश्य से लागू किया गया है कि देश में गुणवत्तापूर्ण पेशेवरों को तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से इंजीनियरिंग एवं अन्य पेशेवर पाठ्यक्रमों की शिक्षा लेने के बाद भी बेरोजगार विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ रही थी। इसके साथ ही चिकित्सा जैसे महत्वपूर्ण पेशे में लगे चिकित्सकों की गुणवत्ता पर भी प्रश्न उठाए जा रहे थे इसलिए सरकार ने नीट को लागू किया है। जाव़डेकर ने कहा कि केन्द्र सरकार ने तमिलनाडु के ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को नीट मेंे छूट देने का निर्णय लिया है लेकिन यह एक अस्थायी सुविधा है। उन्होंने कहा कि देश में अच्छे और गुणवत्तापूर्ण पेशेवरों को पैदा करने के लिए नीट लागू करना जरुरी था और सिर्फ राजनीतिक कारणों से इस प्रकार के कदमों की आलोचना और विरोध उचित नहीं है।