मप्र विधानसभा अध्यक्ष का इस्तीफा, विशेष सत्र में मुख्यमंत्री चौहान साबित करेंगे बहुमत

मप्र विधानसभा अध्यक्ष का इस्तीफा, विशेष सत्र में मुख्यमंत्री चौहान साबित करेंगे बहुमत

भोपाल/भाषा। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने का फैसला किया, जिस कारण से मंगलवार से विधानसभा का चार दिवसीय विशेष सत्र शुरू होने जा रहा है।

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इससे पहले सोमवार देर रात विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने अपना त्यागपत्र विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कवरे को सौंप दिया। मध्य प्रदेश विधानसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने सोमवार देर रात को बताया कि चार दिवसीय इस सत्र में तीन बैठकें होंगी।

उन्होंने बताया कि पहले दिन शिवराज सिंह चौहान की नई सरकार सदन में अपना बहुमत साबित करेगी। इसके साथ ही नई भाजपा सरकार वित्त वर्ष 2020-21 के लिए लेखानुदान भी पेश करेगी। सत्र 27 मार्च को समाप्त होगा। इधर, शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के कुछ घंटे बाद ही मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष प्रजापति ने सोमवार देर रात अपने पद से त्यागपत्र दे दिया।

विधानसभा उपाध्यक्ष को संबोधित अपने त्यागपत्र में प्रजापति ने कहा कि वे नैतिक आधार पर मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हैं। प्रजापति नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव से कांग्रेस के विधायक हैं। जनवरी 2019 में कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रजापति विधानसभा अध्यक्ष चुने गए थे।

इससे पहले सोमवार रात को राजभवन में एक सादे समारोह में शिवराज सिंह चौहान को राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई। कांग्रेस के 22 विधायकों के त्यागपत्र देने के कारण प्रदेश की कांग्रेस सरकार बहुमत से पीछे रह गई और मुख्यमंत्री कमलनाथ को पिछले सप्ताह इस्तीफा देना पड़ा।

प्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों में से भाजपा के 107 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के 22 विधायकों के त्यागपत्र देने के बाद उसकी संख्या घटकर 92 पर आ गई है। वर्तमान में विधानसभा की 24 सीटें रिक्त हैं। इस समय की प्रभावी संख्या 206 है तथा वर्तमान में सदन में बहुमत का आंकड़ा 104 है।

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