आरटीआई से खुलासा: कमलनाथ और तीन अधिकारियों के स्विट्जरलैंड दौरे पर खर्च हुए 1.58 करोड़

आरटीआई से खुलासा: कमलनाथ और तीन अधिकारियों के स्विट्जरलैंड दौरे पर खर्च हुए 1.58 करोड़

मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ

भोपाल/दक्षिण भारत। मध्य प्रदेश सरकार से जुड़ा एक ‘खुलासा’ देश की राजनीति में नए विवाद की शुरुआत कर सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जनवरी में स्विट्जरलैंड के दावोस में हुई वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम में शिरकत करने गए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर यात्रा का खर्च 1.58 करोड़ रुपए आया।

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आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे द्वारा सूचना का अधिकार के अंतर्गत मांगी गई जानकारी में यह बात सामने आई है। मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ मुख्य सचिव एसआर मोहंती, मुख्यमंत्री के पीएस अशोक बर्णवाल और प्रिंसिपल सेक्रेटरी उद्योग मोहम्मद सुलेमान उक्त कार्यक्रम में गए थे।

हालांकि राज्य सरकार का कहना है कि इस यात्रा का मकसद ‘इन्वेस्ट इंडिया’ के अंतर्गत बड़े निवेशकों और नीति निर्माताओं से मुलाकात करना था। साथ ही प्रदेश में निवेश की संभावनाओं और संसाधनों के बारे में जानकारी मुहैया कराई गई। सरकार की ओर से कहा गया है कि यदि यह यात्रा नहीं की जाती तो सरकार प्रदेश में ​​विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने का अवसर गंवा देती।

आरटीआई कायकर्ता को दी गई जानकारी के मुताबिक, यात्रा पर 1.58 करोड़ रुपए का खर्चा आया। यह भी बताया गया कि कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के एक प्रतिनिधि भी साथ गए थे। एक करोड़ 57 लाख 85 हजार रुपए के खर्चे में हवाई टिकट, रहने और भोजन सहित अन्य व्यय शामिल हैं।

दी गई जानकारी के मुताबिक, प्रतिनिधिमंडल के वीजा और हवाई टिकट पर 30 लाख रुपए खर्च हुए। इसके अलावा 45 लाख रुपए होटल, 9.5 लाख रुपए लोकल कन्वेंस, 2 लाख रुपए ज्यूरिख के वीआईपी लाउंज, 50 हजार ट्रेवल इंश्योरेंस, 40 लाख रुपए डीआईपीपी लाउंज में भाग लेने और प्रमोशन सामग्री पर खर्च किए गए।

रिपोर्ट के मुताबिक, 20 दिसंबर को भारतीय दूतावास को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए एक एक्ज़ीक्यूटिव स्यूट और तीन अधिकारियों के लिए तीन प्रीमियम रुम बुक करने के लिए सहयोग मांगा गया था।

दूसरी ओर, आरटीआई कार्यकर्ता दुबे कहते हैं कि दावोस यात्रा के नाम पर किए गए इस खर्चे से बचा जा सकता था। करदाताओं के पैसे का सदुपयोग हो सकता था। उन्होंने राज्य के सरकारी खजाने की स्थिति का भी उल्लेख किया, जिस पर पहले से ही भारी दबाव है।

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