आईएनएस विक्रांत ने अपने नाम से ही पूरे पाकिस्तान की नींद उड़ा दी थी: प्रधानमंत्री

सशस्त्र बलों के साथ दीपावली मनाने के लिए आईएनएस विक्रांत पहुंचे मोदी

आईएनएस विक्रांत ने अपने नाम से ही पूरे पाकिस्तान की नींद उड़ा दी थी: प्रधानमंत्री

Photo: @NarendraModi YouTube Channel

पणजी/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को सशस्त्र बलों के साथ दीपावली मनाने के लिए यहां आईएनएस विक्रांत पहुंचे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज का यह दिन अद्भुत है। ये दृश्य अद्भुत हैं। आज मेरे एक ओर अथाह समुद्र है और दूसरी ओर मां भारती के वीर सिपाहियों की अथाह सामर्थ्य है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मेरे एक ओर अनंत क्षितिज है, अनंत आकाश है। वहीं, दूसरी ओर अनंत शक्तियों को समेटे ये विशाल, विराट आईएनएस विक्रांत है। ये बड़े-बड़े शिप, हवा से भी तेज गति से चलने वाले हवाई जहाज, ये पनडुब्बियां, ये अपनी जगह पर हैं। जो जज्बा आपमें है, वो उसको भी जानदार बना देता है।  

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं कल से आपके बीच हूं। एक-एक पल मैंने कुछ न कुछ सीखा है, कुछ न कुछ जाना है। जब दिल्ली से निकला था, तो मन करता था कि मैं भी इस पल को जी लूं। आप लोगों का परिश्रम, आप लोगों की तपस्या, आप लोगों की साधना, आप लोगों का समर्पण इतनी ऊंचाई पर है कि मैं उसे जी नहीं पाया। लेकिन, मैं उसे जान जरूर पाया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आप सभी को दीपावली की शुभकामनाएं और आईएनएस विक्रांत की इस वीर भूमि से भी देश के कोटि-कोटि देशवासियों को दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं। खास तौर पर आपके परिजन को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दीपावली के पर्व में हर किसी को अपने परिवार के बीच त्योहार मनाने का मन करता है। मुझे भी अपने परिवारजन के बीच दिवाली मनाने की आदत पड़ गई है। इसलिए मैं आप सब परिजन के बीच दिवाली मनाने चला आता हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आप सबको याद होगा, जिस दिन देश को स्वदेशी विक्रांत मिला था, उसी दिन भारतीय नौसेना ने गुलामी के एक बड़े प्रतीक चिह्न का त्याग कर दिया था। हमारी नेवी ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रेरणा से नया ध्वज अपनाया था। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि विक्रांत आज 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेड इन इंडिया' का बहुत बड़ा प्रतीक है। महासागर को चीरता हुआ स्वदेशी विक्रांत भारत की सैन्य क्षमता का प्रतिबिंब है। अभी कुछ महीने पहले ही हमने देखा है कि विक्रांत ने अपने नाम से ही पूरे पाकिस्तान की नींद उड़ा दी थी। जिसका नाम ही दुश्मन के साहस का अंत कर दे, वो है विक्रांत।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय नौसेना द्वारा पैदा किए गए भय ने, भारतीय वायुसेना द्वारा दिखाए गए अद्भुत कौशल ने, भारतीय सेना की जाबांजी ने, तीनों सेनाओं के जबरदस्त समन्वय ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को इतनी जल्दी घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब दुश्मन सामने हो, जब युद्ध की आशंका हो, तब जिसके पास अपने दम पर लड़ाई लड़ने की ताकत हो, उसका पलड़ा हमेशा भारी रहता है। सेनाओं के सशक्त होने के लिए उनका आत्मनिर्भर होना बहुत आवश्यक है। ये वीर जवान, इसी मिट्टी में पैदा हुए हैं, इसी मिट्टी में पले-बढ़े हैं। इसलिए इस मिट्टी के मान-सम्मान के लिए खुद को खपा देने की प्रेरणा रखते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तो औसतन हर 40 दिन में एक नया स्वदेशी युद्धपोत या पनडुब्बी नेवी में शामिल की जा रही है। हमारी ब्रह्मोस और आकाश जैसी मिसाइलों ने ऑपरेशन सिंदूर में भी अपनी क्षमता साबित की है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट 30 गुना से अधिक बढ़ गया है और इस सफलता के पीछे बहुत बड़ी भूमिका डिफेंस स्टार्टअप की है, स्वदेशी डिफेंस इकाइयों की है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे सुरक्षा बलों के पराक्रम और साहस के कारण ही बीते वर्षों में देश ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह उपलब्धि है- माओवादी आतंक का खात्मा! आज देश नक्सली-माओवादी आतंक से मुक्ति के कगार पर है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 से पहले देश के करीब 125 जिले माओवादी हिंसा की चपेट में थे। पिछले 10 साल की मेहनत के कारण यह संख्या लगातार घटती गई और आज मात्र 11 रह गई है। 11 में भी जहां उनका प्रभाव नजर आ रहा है, वह संख्या मात्र 3 जिले बची है। 100 से ज्यादा जिले माओवादी आतंक से आजाद होकर पहली बार खुली हवा में सांस ले रहे हैं, इस बार शानदार दीपावली मना रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन इलाकों में माओवादी सड़कें नहीं बनने देते थे, स्कूल नहीं खोलने देते थे, अस्पताल नहीं बनने देते थे और बने-बनाए स्कूलों को बम से उड़ा देते थे, डॉक्टरों को गोलियों से भून दिया जाता था। वहां आज नए हाइवे बन रहे हैं, नए उद्योग लग रहे हैं, स्कूल और अस्पताल वहां के बच्चों का भविष्य गढ़ रहे हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को यह सफलता हमारे सभी सुरक्षा बलों के तप, त्याग और साहस से ही मिली है। मुझे खुशी है कि आज देश के ऐसे अनेक जिलों में पहली बार लोग आन-बान-शान के साथ दीपावली मनाने जा रहे हैं।

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