कर्नाटक को सभी लोगों के लिए शांति का उद्यान बनाएंगे: सिद्दरामय्या

भाजपा पर साधा निशाना

कर्नाटक को सभी लोगों के लिए शांति का उद्यान बनाएंगे: सिद्दरामय्या

Photo: @siddaramaiah X account

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामय्या ने सोमवार को कहा कि जैसे ही हमारी सरकार सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण शुरू कर रही है, 'सबका साथ, सबका विकास' का नारा लगाने वालों का असली चेहरा सामने आ रहा है। प्रदेश भाजपा के नेता एक-एक कर सामने आ रहे हैं और हमारे सर्वेक्षण का बहिष्कार करने का आह्वान कर जनता के सामने अपनी पोल खोल रहे हैं।

Dakshin Bharat at Google News
सिद्दरामय्या ने कहा कि राज्य पिछड़ा वर्ग स्थायी आयोग द्वारा किया जा रहा यह सर्वेक्षण किसी एक जाति या धर्म तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राज्य के सात करोड़ लोगों का सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण है।
 
सिद्दरामय्या ने कहा कि यह सर्वेक्षण किसी के खिलाफ नहीं, बल्कि सबके लिए है। इसका मुख्य उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक समानता प्राप्त करना तथा सभी को समान अवसर और आजीविका प्रदान करना है।

सिद्दरामय्या ने कहा कि धन, अवसर और प्रतिनिधित्व, सब ज्यों के त्यों बने रहें; गरीब, गरीब ही रहें; पिछड़े, पिछड़े ही रहें, महिलाएं अवसरों से वंचित रहें और जातियों एवं वर्गों के बीच असमानता बनी रहे — यही मनुवादी मानसिकता कर्नाटक भाजपा नेताओं के मूल में है।

सिद्दरामय्या ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा कराए गए सर्वेक्षण से न केवल दलितों, पिछड़ी जातियों और अल्पसंख्यक समुदायों की स्थिति का पता चलेगा, बल्कि अगड़ी जातियों में गरीबों और वंचितों की स्थिति का भी पता चलेगा। भाजपा इस सच्चाई को देखना ही नहीं चाहती। उनका छिपा हुआ दुर्भाव यही है कि संपत्ति, अवसर और प्रतिनिधित्व हर जाति और धर्म के केवल संपन्न लोगों के हाथों में ही बने रहें।

सिद्दरामय्या ने कहा कि बिहार में इनकी अपनी गठबंधन सरकार ने जाति-आधारित सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण कराया है। तेलंगाना में भी यही हुआ है। वहां भी भाजपा नेताओं ने मुंह नहीं खोला। और तो और, अब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भाजपा सरकार भी जाति जनगणना कराने जा रही है।

सिद्दरामय्या ने भाजपा नेताओं से पूछा, क्या आप केंद्र सरकार की जाति जनगणना का भी विरोध करेंगे? अगर सच में विरोध करेंगे तो बुलंद आवाज़ में अभी स्पष्ट रूप से कह दें। क्या आप में इसका विरोध करने की हिम्मत है, क्योंकि आप में प्रधानमंत्री के खिलाफ बोलने का हौसला नहीं है? आप अपनी व्यर्थ बातों से राज्य की समझदार जनता के सामने खुद को हास्यास्पद क्यों बना रहे हैं?

सिद्दरामय्या ने कहा कि प्रदेश की जनता को भाजपा नेताओं के इस आत्म-प्रवंचनापूर्ण व्यवहार को समझना चाहिए। उनके राजनीति से प्रेरित बयानों को घर के कूड़ेदान में फेंक देना चाहिए और सभी को जारी सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण में भाग लेकर अपना पूर्ण सहयोग देना चाहिए।

सिद्दरामय्या ने कहा कि मैं विनम्रतापूर्वक घोषणा करता हूं कि हम सभी समान समाज के निर्माण के लिए मिलकर काम करेंगे और कर्नाटक को सभी लोगों के लिए शांति का उद्यान बनाएंगे।

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News