यहां सुनिए, राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री मोदी का संदेश

संबोधन के मुख्य अंश भी पढ़ सकते हैं

यहां सुनिए, राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री मोदी का संदेश

Photo: @NarendraModi YouTube Channel

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय राष्ट्र के नाम एक महत्त्वपूर्ण संदेश दे रहे हैं। 'दक्षिण भारत राष्ट्रमत' अपने पाठकों के लिए इसे अपनी वेबसाइट पर प्रसारित कर रहा है। आप इस संदेश के उल्लेखनीय बिंदु भी पढ़ सकते हैं।

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प्रधानमंत्री मोदी ऐसे समय पर राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं, जब कल (22 सितंबर से) संशोधित जीएसटी स्लैब की दरें देश में लागू होंगी। इससे दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाले सामान समेत कई चीज़ें सस्ती हो जाएंगी। 

प्रधानमंत्री के संबोधन के मुख्य अंश:

- कल से शक्ति की उपासना का पर्व नवरात्र का आरंभ हो रहा है। आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। नवरात्र के पहले दिन से देश आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए एक और महत्त्वपूर्ण और बड़ा कदम उठा रहा है। कल, यानी नवरात्र के प्रथम दिवस 22 सितंबर को सूर्योदय के साथ ही नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी सुधार लागू हो जाएंगे। 

- एक तरह से कल से देश में 'जीएसटी बचत उत्सव' शुरू होने जा रहा है। इस उत्सव में आपकी बचत बढ़ेगी और आप अपनी पसंद की चीजों को और ज्यादा आसानी से खरीद पाएंगे। हमारे देश के गरीब, मध्यम वर्गीय लोग, नव मध्यम वर्ग, युवा, किसान, महिलाएं, युवा, दुकानदार, व्यापारी, उद्यमी सभी को इस बचत उत्सव का बहुत फायदा होगा। यानी त्योहारों के इस मौसम में सभी का मन मीठा होगा।

- मैं देश के कोटि-कोटि परिवारजनों को नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स की और इस बचत उत्सव की बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। ये रिफॉर्म्स भारत की ग्रोथ स्टोरी को एक्स्लेरेट करेंगे। कारोबार को और आसान बनाएंगे और हर राज्य को विकास की दौड़ में बराबरी का साथी बनाएंगे।

- जब आपने हमें साल 2014 में सेवा का अवसर दिया तो हमने जनहित में, देशहित में जीएसटी को अपनी प्राथमिकता बनाया। हमने हर स्टेक होल्डर से चर्चा की, हमने हर राज्य की हर शंका का निवारण किया। हर सवाल का समाधान खोजा। सभी राज्यों को, सबको साथ लेकर आजाद भारत का इतना बड़ा टैक्स रिफॉर्म संभव हो पाया। यह केंद्र और राज्यों के प्रयासों का नतीजा था कि आज देश दर्जनों टैक्स से मुक्त हुआ। वन नेशन, वन टैक्स का सपना साकार हुआ।

- जो देश के लोगों की जरूरत का है, जो हम देश में ही बना सकते हैं, वह हमें देश में ही बनाना चाहिए। देश की स्वतंत्रता को जैसे स्वदेशी के मंत्र से ताकत मिली, वैसे ही देश की समृद्धि को भी स्वदेशी के मंत्र से ही शक्ति मिलेगी।

- हम वो सामान खरीदें जो मेड इन इंडिया हो, जिसमें हमारे देश के नौजवानों की मेहनत लगी हो, हमारे देश के बेटे-बेटियों का पसीना हो। हमें हर घर को स्वदेशी का प्रतीक बनाना है, हर दुकान को स्वदेशी से सजाना है।

- विकसित भारत के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हमें आत्मनिर्भरता के रास्ते पर चलना ही होगा और भारत को आत्मनिर्भर बनाने का बहुत बड़ा दायित्व हमारे एमएसएमई पर भी है।

- नए जीएसटी सुधार लागू किए जा रहे हैं, अब केवल 5% और 18% टैक्स स्लैब रहेंगे। जीएसटी कम होने से नागरिकों के लिए अपने सपने पूरे करना आसान होगा

- नागरिकों की सेवा का सार अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है।देश को जो चाहिए और जो भारत में बनाया जा सकता है, उसे भारत में ही बनाया जाना चाहिए।

-भारत की समृद्धि को आत्मनिर्भरता से बल मिलेगा।

- सुधार एक सतत प्रक्रिया है और जैसे-जैसे समय बदलता है और राष्ट्रीय आवश्यकताएं विकसित होती हैं, अगली पीढ़ी के सुधार भी उतने ही आवश्यक हो जाते हैं। .. अब गरीबों और नव-मध्यम वर्ग को लाभ मिलने की बारी है। ... चाहे घर बनाना हो, टीवी या रेफ्रिजरेटर खरीदना हो, या स्कूटर, बाइक या कार खरीदना हो, अब सब कम खर्च में होगा। ... यात्रा भी अधिक किफायती हो जाएगी, क्योंकि अधिकांश होटल कमरों पर जीएसटी कम कर दिया गया है।

- पिछले 11 साल में देश में 25 करोड़ लोगों ने गरीबी को हराया है। गरीबी से बाहर निकलकर 25 करोड़ का एक बहुत बड़ा समूह नियो मिडिल क्लास के रुप में आज देश के अंदर बहुत बड़ी भूमिका अदा कर रहा है। 

- मुझे इस बात की खुशी है कि दुकानदार भाई-बहन भी जीएसटी रिफॉर्म को लेकर बहुत उत्साह में हैं। वो जीएसटी में हुई कटौती को ग्राहकों तक पहुंचाने में जुटे हुए हैं। बहुत सारी जगहों पर पहले और अब के बोर्ड लगाए जा रहे हैं।

- निवेश के लिए माहौल बढ़ाएं। जब केंद्र और राज्य मिलकर आगे बढ़ेंगे तो आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा होगा, भारत का हर राज्य विकसित होगा, भारत विकसित होगा।

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