गोली से भी ज़्यादा शक्तिशाली होता है मतपत्र: डीके शिवकुमार

उपमुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस समारोह में विचार साझा किए

गोली से भी ज़्यादा शक्तिशाली होता है मतपत्र: डीके शिवकुमार

Photo: @DKShivakumar X account

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने सोमवार को विधान सौधा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस समारोह में अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों और लोगों की आवाज के लिए हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने का मंच है। 

Dakshin Bharat at Google News
डीके शिवकुमार ने कहा कि ‘मेरा वोट मेरा अधिकार’ अभियान युवाओं और छात्रों में लोकतांत्रिक मूल्यों के बारे में जागरूकता पैदा करने और नेतृत्व कौशल विकसित करने के लिए तैयार किया गया है।

डीके शिवकुमार ने कहा कि मतपत्र गोली से भी ज़्यादा शक्तिशाली होता है। आज राजतंत्र घर पर बैठा है और निर्वाचित प्रतिनिधि शासन कर रहे हैं। यही मतपत्र की शक्ति है। इसी मतदान शक्ति ने सिद्दरामय्या और मुझ जैसे नेताओं को जन्म दिया है।

डीके शिवकुमार ने कहा कि एक बार जब अर्जुन पर शत्रुओं ने आक्रमण किया, तो उन्होंने भगवान कृष्ण के सामने अपनी स्थिति प्रकट की। कृष्ण ने कहा, 'तुम्हारी रक्षा के लिए हमेशा कोई न कोई मौजूद रहेगा।' इसी तरह, लोकतंत्र में मताधिकार ही आपकी रक्षा करेगा।

डीके शिवकुमार ने कहा कि आज हम सभी एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में रह रहे हैं और हमारा लोकतंत्र दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। लोकतंत्र की अवधारणा इस भूमि पर तब जन्मी जब 900 वर्ष पूर्व बसवन्ना ने समतावादी समाज के निर्माण के लिए अनुभव मंटप की स्थापना की थी।

डीके शिवकुमार ने कहा कि आज की प्रतिस्पर्द्धी दुनिया में, नेतृत्व कौशल के बिना प्रगति करना लगभग असंभव है। हमारे युवाओं और छात्रों को नेतृत्व कौशल सिखाना ज़रूरी है। राजनीति में, 49 प्रतिशत शून्य होता है और 51 प्रतिशत 100 होता है। युवाओं को यह समझने की ज़रूरत है।

डीके शिवकुमार ने कहा कि मुझे संसद में मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष करने पर हुई बहस देखने का मौका मिला था। विपक्ष ने उस विधेयक को पारित कराने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर तीखा हमला बोला था।

डीके शिवकुमार ने कहा कि विपक्ष ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री खेलकूद कर रहे बच्चों को मताधिकार दे रहे हैं। इस आलोचना का जवाब देते हुए उन्होंने कहा था, ‘अगर हम युवाओं को राइफलें दे सकते हैं और 18 साल की उम्र में उन्हें सीमा पर लड़ने के लिए कह सकते हैं, तो उन्हें मताधिकार क्यों नहीं दे सकते?’ उन्होंने कहा कि हमें युवाओं की ताकत का एहसास है।

डीके शिवकुमार ने कहा कि न्यायपालिका, व्यवस्थापिका, कार्यपालिका और मीडिया लोकतंत्र के चार स्तंभ हैं। जब हम कोई गलती करते हैं तो न्यायपालिका हस्तक्षेप करती है। मीडिया हमारी गलतियों को उजागर करता है। इसके बावजूद, कुछ लोग वोट चुराने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल गांधी ने इसी वोट धोखाधड़ी के खिलाफ लड़ाई शुरू कर दी है।

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download