'राजभाषा का कार्य राष्ट्रगौरव का कार्य, देश की प्रगति का आधार है हिंदी'
आरआईओ (द.) ने विशेष राजभाषा कार्यशाला आयोजित की
75 राजभाषा प्रभारियों ने भाग लिया
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। आरआईओ (दक्षिण) के तत्वावधान में एलएचओ, एसबीआई ने 10 सितंबर को एक दिवसीय विशेष राजभाषा कार्यशाला का आयोजन किया। इसका शुभारंभ मुख्य अतिथि एलएचओ, एसबीआई के उपमहाप्रबंधक राजेश कुमार चौधरी, उप निदेशक (कार्यान्वयन) अनिर्बान कुमार विश्वास, कॉफी बोर्ड के उप निदेशक (राजभाषा) डॉ. धीरज कुमार मिश्र, सहायक महाप्रबंधक (राजभाषा) केडी राव, प्रबंधक (राजभाषा) अर्चना उपाध्याय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने किया।
विश्वास ने कार्यशाला की रूपरेखा बताते हुए राजभाषा के कार्य को राष्ट्रगौरव का कार्य माना। राजेश कुमार चौधरी ने हिंदी को देश की प्रगति का आधार और राष्ट्र की एकता का प्रतीक माना।
इस कार्यशाला में चार सत्र थे। पहले सत्र में उपमहाप्रबंधक (मानव संसाधन एवं राजभाषा), बीडीएल, हैदराबाद की होमनिधि शर्मा ने राजभाषा प्रभारियों के नए दायित्वों, जैसे सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से परिचय कराया और सार्थक और प्रभावी प्रशिक्षण पर बल दिया।
दूसरे सत्र में विश्वास ने राजभाषा नीति को पूर्णतः कार्यान्वित करने के लिए नवाचार के लिए प्रेरित किया। तीसरे सत्र में एचएएल के मुख्य प्रबंधक (राजभाषा) संजय कुमार पांडेय ने राजभाषा संबंधी सभी निरीक्षण प्रश्नावलियों को भरते समय सावधानियों के बारे में बताया। चौथे सत्र में डॉ. मिश्र ने कहा कि राजभाषा कर्मियों को अपनी जवाबदेही तय करनी होगी एवं निरंतर क्रियाशील रहकर रचनात्मक पहल से राजभाषा कार्यान्वयन को प्रभावी बनाना होगा।
इस कार्यशाला में बेंगलूरु में स्थित भारत सरकार के उपक्रम, बैंक, बीमा और सरकारी कार्यालयों के कुल 75 राजभाषा प्रभारियों ने भाग लिया। कार्यशाला का संचालन अर्चना उपाध्याय ने किया। धन्यवाद ज्ञापन केडी राव ने किया।


