ज्ञान का खजाना पाने का मौका है चातुर्मास: आचार्य हीरचंद्रसूरीश्वर
किलपॉक स्थित वेडेल्स रोड से वरघोड़ानिकाला गया

श्रावक-श्राविकाओं ने आचार्यश्री की अगवानी की
चेन्नई/दक्षिण भारत। किलपॉक श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ ट्रस्ट के तत्वावधान में शासन प्रभावक आचार्यश्री हीरचंद्रसूरीश्वरजी महाराज एवं साध्वी पुण्यनिधि म.सा. का आत्मशोध चातुर्मास प्रवेश बुधवार सुबह हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ।
इस मौके पर आचार्यश्री कुलबोधिश्वरजी महाराज एवं आचार्यश्री युगोदयप्रभविजयजी महाराज के शिष्य मुनि त्यागीप्रभविजयजी का सान्निध्य प्राप्त हुआ। इस अवसर पर किलपॉक स्थित वेडेल्स रोड से वरघोड़ानिकाला गया, जो प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए रंगनाथन स्ट्रीट स्थित एससी शाह भवन पहुंचा। वहां संघ ट्रस्ट के अध्यक्ष अरुण ओस्तवाल के नेतृत्व में बड़ी संख्या में उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं ने आचार्यश्री की अगवानी की।धर्मसभा में महावीर भगवान की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। संघ ट्रस्ट के चेयरमैन शांतिलाल जैन ने स्वागत भाषण में कहा कि आज संघ में बड़े उत्सव का दिन है।
आचार्य भगवंत ने सहज भाव से चातुर्मास की स्वीकृति प्रदान की। अध्यक्ष अरुण ओस्तवाल न चातुर्मास में होने वाले विशेष कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संघ के नूतन भवन का निर्माण कार्य गतिमान है।
सचिव मुकेश शाह ने सबसे चातुर्मास के दौरान धर्म प्रभावना का लाभ लेने का आग्रह किया। आचार्यश्री कुलबोधिश्वरजी ने अपने उद्बोधन में कहा कि जिनशासन में हमारा जन्म हुआ, यह परम सौभाग्य की बात है। जिनशासन में दो परंपरा रही है। पहले हमें श्रमण परंपरा प्राप्त हुई।
दूसरी श्रवण परंपरा है, जो 2600 सालों से अविरत चल रही है। दुनिया के कोई धर्म में यह परंपरा नहीं है। आचार्यश्री हीरचंद्रसूरीश्वरजी महाराज ने कहा कि चातुर्मास में ज्ञान की गंगा बहानी
है। ज्ञान का मार्ग सबसे बड़ा मार्ग है। यह मोक्ष मार्ग का एक स्रोत है।
उन्होंने कहा ऐसा नहीं है कि हममें दोष है लेकिन हममें ज्ञान का अभाव है। ज्ञान बढाने के लिए वाचना श्रवण महत्वपूर्ण है। ज्ञान का खजाना पाने का मौका है चातुर्मास। पंन्यास विमल पुण्यविजयजी ने कहा कि संघ को सद्गुरु का संयोग मिला है। एक बार ज्ञान मिल जाए तो वह जीवन में आमूलचूल परिवर्तन लाने में सक्षम होता है।
इस दौरान आचार्यश्री हीरचंद्रसूरीश्वरजी के सहपाठी कल्याण मित्र परिवार द्वारा गुरुपूजन हुआ और कमलाबाई प्रकाशचंद ओस्तवाल परिवार की ओर से कांबली अर्पित की गई।
इस मौके पर संघ ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष नरेन्द्र साकरिया, पदमचंद चौधरी, पूर्व सचिव नरेन्द्र श्रीश्रीमाल, वरघोड़ा संयोजक व सहसचिव भरत संघवी, कोषाध्यक्ष मुकेश जैन, किशोर संघवी, प्रवीण जैन, भेरुलाल कोठारी, ललित संघवी समेत कई गणमान्य उपस्थित थे।
इस दौरान मुनिसुव्रत युवा मोटिव मंडल व किलपॉक महिला मंडल का सहयोग रहा। कार्यक्रम में संगीत की प्रस्तुति आयुष जैन ने दी। संचालन बिपिन सतावत ने किया।
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