इजराइल ने ईरान के कई सैन्य और परमाणु ठिकानों को हवाई हमलों से तबाह किया

धमाकों से दहल उठी ईरानी राजधानी

इजराइल ने ईरान के कई सैन्य और परमाणु ठिकानों को हवाई हमलों से तबाह किया

Photo: idfonline FB Page

तेहरान/दक्षिण भारत। इजराइल ने शुक्रवार अलसुबह ईरान के कई सैन्य एवं परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए। इससे ईरान की राजधानी तेहरान धमाकों से दहल उठी। ये जोरदार धमाके उत्तरी, पश्चिमी और मध्य तेहरान में सुने गए। 

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स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, तेहरान के इमाम खुमैनी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। यह दावा किया गया है कि सोशल मीडिया पर प्रसारित तस्वीरों में ईरानी राजधानी में कई आवासीय भवनों को हुआ नुकसान देखा जा सकता है।

यह हमला ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु वार्ता के नए दौर से दो दिन पहले हुआ है। ईरानी अधिकारियों ने पहले ही धमकी दी थी कि किसी भी सैन्य कार्रवाई पर ईरान दृढ़ और निश्चित प्रतिक्रिया देगा।

आईडीएफ प्रवक्ता बीजी एफी डेफ्रिन ने ईरानी परमाणु लक्ष्यों पर इजराइली हमलों की पुष्टि की है। इस संबंध में आईडीएफ के फेसबुक पेज पर बताया गया कि दर्जनों लड़ाकू विमानों ने पहला चरण पूरा कर लिया, जिसमें ईरान के विभिन्न क्षेत्रों में परमाणु लक्ष्यों सहित दर्जनों सैन्य लक्ष्यों पर हमले शामिल थे।

कहा कि आज ईरान परमाणु हथियार प्राप्त करने के पहले से कहीं अधिक करीब है। ईरानी शासन के हाथों में सामूहिक विनाश के हथियार इजराइल और पूरी दुनिया के लिए अस्तित्व पर ख़तरा हैं।

बताया गया कि इजराइल के पास अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कार्य करने के दायित्व को पूरा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। वह ऐसा हर जगह करता रहेगा, जहां ऐसा करने की जरूरत होगी, जैसा कि हमने अतीत में किया है।

आईडीएफ ने दावा किया कि हाल में मिली खुफिया जानकारी से पता चलता है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने की अपनी दौड़ में उस बिंदु के करीब पहुंच गया है, जहां से वापसी संभव नहीं है। वह भूमिगत, किलेबंद स्थलों में विकेंद्रीकृत और सुदृढ़ संवर्धन यौगिकों के साथ-साथ हजारों किलोग्राम संवर्धित यूरेनियम का उत्पादन कर रहा है। हाल के महीनों में इस कार्यक्रम में काफी तेजी आई है, जिससे वह परमाणु हथियार प्राप्त करने के काफी करीब पहुंच गया था।

ईरान परमाणु हथियार हासिल करने के लिए दशकों से काम कर रहा है। दुनिया ने इसे रोकने के लिए हर संभव कूटनीतिक रास्ता अपनाने की कोशिश की है, लेकिन उसने रुकने से इन्कार किया। ऐसे में इज़राइल के पास कोई विकल्प नहीं बचा था। इज़राइल के नागरिकों की रक्षा के लिए कार्य करना आईडीएफ का दायित्व है और वे ऐसा करना जारी रखेंगे।

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