जोश के साथ होश जरूरी

युद्ध में असल बलवान वह होता है, जो बुद्धिमान होता है

जोश के साथ होश जरूरी

भारत को बुद्धिमानी से वार करना होगा

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद देशवासियों की भावनाओं में भारी उबाल आ गया है। कई लोग मांग कर रहे हैं कि पाकिस्तान से तुरंत युद्ध छेड़ दिया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन शब्दों में आश्वासन दिया, उनसे स्पष्ट होता है कि जो भी कार्रवाई होगी, बड़ी सख्त होगी। जनता को इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि दुश्मन को मात देने के लिए जोश और होश, दोनों की जरूरत होती है। पाकिस्तान को कब, कहां और किस स्तर की सज़ा देनी चाहिए, यह हमारी सेनाएं भलीभांति जानती हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि युद्ध में असल बलवान वह होता है, जो बुद्धिमान होता है। अगर निकट भविष्य में भारत की सैन्य कार्रवाई से पाकिस्तान के कुछ आतंकवादी या फौजी मारे जाते हैं तो यह एक सख्त पैगाम होगा। हालांकि पाक इतने भर से सुधरने वाला नहीं है। उसके मदरसों और शिविरों में बड़ी तादाद में कट्टरपंथी और आतंकवादी भरे पड़े हैं। इस चुनौती का सामना करने और निर्णायक विजय पाने के लिए हमें बहुत सोच-समझकर रणनीति बनानी होगी। आज पाकिस्तान एक बदहाल मुल्क है। वह हर दो-चार महीने बाद दिवालिया होने के कगार पर पहुंच जाता है। उसके पास खोने के लिए कुछ खास नहीं है। पाकिस्तान जैसे देश को नकेल डालने की जल्दबाजी में हमें ऐसे किसी भी कदम से बचना चाहिए, जो हमारे राष्ट्रीय विकास को नुकसान पहुंचाए। इसका यह मतलब नहीं है कि हमें सख्त कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। जरूरत इस बात की है कि हम उससे और आगे सोचें। एक बार कार्रवाई होने के बाद पहलगाम की घटना को भूलना नहीं चाहिए।

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यहां स्वतंत्र टिप्पणीकार डॉ. कनिका वर्मा के विचार अत्यंत प्रासंगिक हैं, जिनका कहना है कि भारत को बुद्धिमानी से वार करना होगा। चीन पाकिस्तान को अपने मोहरे की तरह इस्तेमाल कर रहा है, ताकि वह भारत को किसी बड़े युद्ध में उलझा दे। चीन चाहता है कि भारत आर्थिक उन्नति न करे, कमजोर रहे। उसकी मंशा है कि भारत का ध्यान विकास से हटे और वह युद्ध में फंसे। ऐसा होने पर हम एक ऐतिहासिक अवसर गंवा सकते हैं। तो बड़ा सवाल है- हमें क्या करना चाहिए? जवाब है- राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाने से इन्कार नहीं किया जा सकता। पाक/पीओके में सीमित इलाकों में सैन्य कार्रवाई के विकल्प हमेशा खुले रखने चाहिएं। इसके साथ ही, पाकिस्तान को सिंधु जल संधि के तहत मिलने वाले पानी पर पूरी तरह रोक लगाने पर गंभीरता से काम करना होगा। अगर उसमें सफलता मिल गई तो पाकिस्तान कुछ ही महीनों में घुटनों पर आ जाएगा। भारत को बलोचिस्तान के स्वतंत्रता आंदोलन को खुलकर समर्थन देना होगा। हाल में पाकिस्तानी फौज पर सबसे ज्यादा घातक हमले बलोचों ने किए थे। भारत सरकार को बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी, अन्यथा ये हमारे लिए भविष्य में बहुत बड़ा सिरदर्द बन सकते हैं। घुसपैठियों की पहचान करने, उन्हें गिरफ्तार करने, हतोत्साहित करने जैसी कार्रवाइयों के लिए दर्जनों असरदार तरीके हैं। उनके लिए कोई बहुत बड़ी कानूनी कवायद करने की जरूरत नहीं है। देशविरोधी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए खुफिया तंत्र को मजबूत बनाया जाए। जो लोग किसी भी रूप में इनमें लिप्त पाए जाएं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। देश में कारोबारी गतिविधियों में तेजी लाई जाए। नौजवानों को ऐसी शिक्षा दी जाए, जो उन्हें रोजगार हासिल करने में मदद करे। कारोबार करना इतना आसान कर दिया जाए कि कंपनियां चीन के बजाय भारत को प्राथमिकता दें। समृद्ध और सशक्त भारत अपने दुश्मनों का समूल नाश करने में ज्यादा सक्षम होगा। इसके लिए सरकार को बेहतर नीतियां बनानी होंगी। जनता को भी एकजुट होकर प्रयास करने होंगे।

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