उच्चतम न्यायालय ने रणवीर इलाहाबादिया को लगाई कड़ी फटकार
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर किसी को भी समाज के मानदंडों के खिलाफ कुछ भी बोलने की छूट नहीं है

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नई दिल्ली/दक्षिण भारत। उच्चतम न्यायालय ने विवादास्पद एक यूट्यूब शो पर रणवीर इलाहाबादिया और उसके सहयोगी लोगों को अगले आदेश तक कोई अन्य एपिसोड प्रसारित करने से रोक दिया है। न्यायालय ने कहा कि यूट्यूब शो के दौरान की गईं टिप्पणियों के लिए इन्फ्लुएंसर इलाहाबादिया के खिलाफ कोई और एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी।
न्यायालय ने कहा कि यदि रणवीर इलाहाबादिया के खिलाफ उनकी टिप्पणियों को लेकर कोई अन्य एफआईआर दर्ज की जाती है तो उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। न्यायालय ने रणवीर अल्लाहबादिया को उनकी कथित अरुचिकर टिप्पणियों को लेकर महाराष्ट्र, असम में दर्ज एफआईआर की जांच में सहयोग करने को कहा।इस तरह उच्चतम न्यायालय ने यूट्यूब शो पर टिप्पणियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर में रणवीर इलाहाबादिया को दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया है। हालांकि उसने इलाहाबादिया को कड़ी फटकार भी लगाई। उसने उनके वकील से पूछा, 'अगर यह अश्लीलता नहीं है तो क्या है? हमें आपके खिलाफ़ दर्ज एफआईआर को क्यों रद्द या क्लब करना चाहिए?'
उच्चतम न्यायालय ने रणवीर इलाहाबादिया के वकील से कहा कि आपके द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द बेटियों, बहनों, माता-पिता और यहां तक कि समाज को भी शर्मिंदा महसूस कराएंगे। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर किसी को भी समाज के मानदंडों के खिलाफ कुछ भी बोलने की छूट नहीं है।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि समाज के कुछ स्व-विकसित मूल्य हैं। आपको उनका सम्मान करना चाहिए। समाज के मूल्य क्या हैं? ये पैरामीटर क्या हैं, क्या आपको पता भी है?