आज विकसित भारत के लिए हमें एक रहना है: मोदी

प्रधानमंत्री ने पराक्रम दिवस पर अपने संदेश में कहा ...

आज विकसित भारत के लिए हमें एक रहना है: मोदी

Photo: BJP X account

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पराक्रम दिवस पर अपने संदेश में कहा कि आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के पावन अवसर पर पूरा देश श्रद्धापूर्वक उन्हें याद कर रहा है। मैं, नेताजी सुभाष बाबू को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के पराक्रम दिवस का भव्य उत्सव नेताजी की जन्मभूमि पर हो रहा है। मैं ओडिशा की जनता को, ओडिशा सरकार को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। कटक में नेताजी के जीवन से जुड़ी एक विशाल प्रदर्शनी भी लगाई गई है। इस प्रदर्शनी में नेताजी के जीवन से जुड़ीं अनेक विरासतों को एक साथ सहेजा गया है। कई चित्रकारों ने कैनवास पर नेताजी के जीवन प्रसंग की तस्वीरें उकेरी हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सबके साथ नेताजी पर आधारित कई पुस्तकों को भी इकट्ठा किया गया है। नेताजी की जीवन यात्रा की यह सारी विरासत 'मेरे युवा भारत' को एक नई ऊर्जा देगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब हमारा देश विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि में जुटा है, तब नेताजी सुभाष के जीवन से हमें निरंतर प्रेरणा मिलती है। नेताजी के जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य था 'आजाद हिंद'। उन्होंने अपने संकल्प की सिद्धि के लिए अपने फैसले को एक ही कसौटी पर परखा 'आजाद हिंद'।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी एक समृद्ध परिवार में जन्मे थे। उन्होंने सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की थी। वे चाहते तो अंग्रेजी शासन में एक वरिष्ठ अधिकारी बनकर आराम की जिंदगी जीते, लेकिन उन्होंने आजादी के लिए कष्टों को चुना, चुनौतियों को चुना, देश-विदेश में भटकना पसंद किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी सुभाष कम्फर्ट जोन के बंधन में नहीं बंधे। इसी तरह आज हम सभी को विकसित भारत के निर्माण के लिए अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलना है। हमें खुद को विश्व स्तर पर सर्वश्रेष्ठ बनाना है, उत्कृष्टता को चुनना ही है, क्षमता पर फोकस करना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी ने देश की स्वतंत्रता के लिए आजाद हिंद फौज बनाई। इसमें देश के हर क्षेत्र, हर वर्ग के वीर-वीरांगनाएं शामिल थे। सबकी भाषाएं अलग-अलग थी, लेकिन भावना एक थी- देश की आजादी। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि यही एकजुटता आज विकसित भारत के लिए भी बहुत बड़ी सीख है। तब स्वराज के लिए हमें एक होना था, आज विकसित भारत के लिए हमें एक रहना है। बीते दशक में 25 करोड़ भारतीयों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। यह बहुत बड़ी सफलता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज गांव हो या शहर, हर तरफ आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है, साथ ही भारत की सेना की ताकत में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज विश्व मंच पर भारत की भूमिका बढ़ रही है, भारत की आवाज बुलंद हो रही है। वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनेगा। हमें नेताजी सुभाष की प्रेरणा से 'एक लक्ष्य-एक ध्येय' विकसित भारत के लिए निरंतर काम करते रहना है।

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