सरकार पूरी ईमानदारी से ग्राम स्वराज को जमीन पर उतारने का कर रही प्रयास: मोदी
प्रधानमंत्री ने स्वामित्व योजना के तहत संपत्ति कार्ड वितरित किए

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नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में स्वामित्व योजना के तहत संपत्ति कार्ड वितरित किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज का दिन देश के गांवों के लिए, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ही ऐतिहासिक है। पांच साल पहले स्वामित्व योजना शुरू की गई थी, ताकि गांवों में रहने वालों का उनका कानूनी प्रमाण दिया जा सके। बीते पांच सालों में लगभग डेढ़ करोड़ लोगों को ये स्वामित्व कार्ड दिए गए हैं। आज इस कार्यक्रम में 65 लाख से ज्यादा परिवारों को ये स्वामित्व कार्ड मिले हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी की दुनिया में क्लाइमेट चेंज, पानी की कमी, स्वास्थ्य का संकट, महामारी .. ऐसी कितनी भी चुनौतियां हैं, लेकिन विश्व के सामने एक और बड़ी चुनौती रही है और ये चुनौती है- प्रॉपर्टी राइट्स की। कई साल पहले संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया के अनेक-अनेक देशों में भू-संपत्ति को लेकर एक स्टडी की थी। इस स्टडी में सामने आया कि दुनिया के अनेक देशों में लोगों के पास प्रॉपर्टी के पक्के कानूनी दस्तावेज हैं ही नहीं। संयुक्त राष्ट्र ने साफ कहा कि अगर गरीबी कम करनी है तो इसके लिए प्रॉपर्टी राइट्स होना बहुत जरूरी हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए। इसलिए साल 2014 में जब हमारी सरकार बनी तो हमने प्रॉपर्टी के कागज की इस चुनौती से निपटने को ठानी और हमने स्वामित्व योजना शुरू की। हमने तय किया कि ड्रोन की मदद से देश के गांव-गांव में घरों की, जमीनों की मैपिंग कराई जाएगी, गांव के लोगों को उनकी आवासीय संपत्ति के कागज दिए जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमारी सरकार पूरी ईमानदारी से ग्राम स्वराज को जमीन पर उतारने का प्रयास कर रही है। स्वामित्व योजना से गांव के विकास की प्लानिंग और उस पर अमल अब काफी बेहतर हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब प्रॉपर्टी राइट्स मिलने से ग्राम पंचायतों की मुश्किलें भी दूर होंगी और वे भी आर्थिक रूप से सशक्त हो पाएंगी। इससे आपदा की स्थिति में उचित क्लेम मिलना भी आसान होगा। स्वामित्व और भू-आधार, ये दो व्यवस्थाएं गांवों के विकास का आधार बनने वाली हैं। भू-आधार के जरिए जमीन को भी एक खास पहचान दी गई है। करीब 23 करोड़ भू-आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते सात-आठ सालों में ही करीब 98 प्रतिशत लैंड रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया गया है। महात्मा गांधी कहते थे- भारत गांवों में बसता है, भारत की आत्मा गांवों में हैं। पूज्य बापू के इस भाव को सही मायने में जमीन पर उतारने का काम बीते दशक में हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 से पहले, देश की 100 से भी कम पंचायतें ब्रॉडबैंड फाइबर कनेक्शन से जड़ी थीं। बीते 10 साल में हमने 2 लाख से ज्यादा पंचायतों को ब्रॉडबैंड फाइबर कनेक्शन से जोड़ा है। साल 2014 से पहले, देश के गांवों में एक लाख से भी कम सामान्य सेवा केंद्र थे। बीते 10 साल में हमारी सरकार ने 5 लाख ज्यादा सामान्य सेवा केंद्र बनाए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2025 की शुरुआत भी गांवों के लिए, किसानों के लिए बड़े फैसलों के साथ हुई है। सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को जारी रखने का फैसला किया है। इसके साथ ही डीएपी खाद को लेकर भी फैसला किया गया है, ताकि किसानों को लाभ हो सके।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में नारीशक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है, इसलिए बीते दशक में हमने माताओं-बेटियों के सशक्तीकरण को हर बड़ी योजना के केंद्र में रखा है।