वोट बैंक की राजनीति के कारण तेलंगाना मुक्ति दिवस मनाने से झिझकते हैं दल: अमित शाह

‘मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि देश के लोग उन लोगों से मुंह मोड़ लेंगे, जो अपने देश के इतिहास से मुंह मोड़ते हैं’

वोट बैंक की राजनीति के कारण तेलंगाना मुक्ति दिवस मनाने से झिझकते हैं दल: अमित शाह

गृह मंत्री ने हैदराबाद की मुक्ति का श्रेय देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को दिया

हैदराबाद/भाषा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि तेलंगाना राज्य के गठन के बाद भी राजनीतिक दल वोट बैंक की राजनीति के कारण ‘तेलंगाना मुक्ति दिवस’ मनाने से झिझकते हैं।

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शाह ने 17 सितंबर, 1978 को पूर्ववर्ती निजाम शासन से क्षेत्र की आजादी और हैदराबाद राज्य के भारतीय संघ में विलय की याद में ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ मनाने के लिए आयोजित केंद्र के आधिकारिक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की।

गृह मंत्री ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के कारण राजनीतिक दल ‘मुक्ति दिवस’ मनाने से झिझकते हैं, जो कि ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है।

उन्होंने कहा, ‘मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि देश के लोग उन लोगों से मुंह मोड़ लेंगे, जो अपने देश के इतिहास से मुंह मोड़ते हैं।’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले 75 साल में किसी सरकार ने ऐतिहासिक ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ नहीं मनाया।

शाह ने कहा कि ‘तुष्टीकरण की राजनीति’ के कारण पूर्ववर्ती सरकारें हमेशा डरती रहीं और उन्होंने इसे नहीं मनाया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ मनाने का फैसला किया।

गृह मंत्री ने हैदराबाद की मुक्ति का श्रेय देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को दिया और कहा कि उनके प्रयासों के कारण निजाम के रजाकारों (निजाम शासन के सशस्त्र समर्थकों) ने आत्मसमर्पण कर दिया।

केंद्रीय पर्यटन मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष जी किशन रेड्डी ने भी इस कार्यक्रम में लोगों को संबोधित किया।

निजाम शासन के अधीन रहे हैदराबाद को ‘ऑपरेशन पोलो’ नामक एक पुलिस अभियान के बाद भारतीय संघ में मिला लिया गया था। ‘ऑपरेशन पोलो’ 17 सितंबर, 1948 को समाप्त हुआ था।

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