बेंगलूरु-मैसूरु एक्सप्रेस-वे पर हादसों की बढ़ती संख्या ने बढ़ाई चिंता

सात महीने से भी कम समय में 121 लोगों ने गंवाई जान

बेंगलूरु-मैसूरु एक्सप्रेस-वे पर हादसों की बढ़ती संख्या ने बढ़ाई चिंता

हादसों को नियंत्रित करने के लिए गति सीमा साइन बोर्ड के साथ अतिरिक्त एंट्री-एग्जिट बोर्ड भी लगाए हैं

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। बेंगलूरु-मैसूरु एक्सप्रेस-वे पर हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है। यहां पिछले 7 महीनों से भी कम समय में 121 लोगों की जान चली गई। यह एक्सप्रेस-वे दोनों शहरों के बीच यातायात संबंधी समस्याओं के समाधान के तौर पर बनाया गया था, लेकिन इस पर होने वाले हादसों के आंकड़े परेशान करने वाले हैं।

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राजमार्ग का आधिकारिक उद्घाटन इस साल 12 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। हालांकि इसके कुछ हिस्से पिछले साल के आखिर से ही उपयोग में थे।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों की मानें तो 119 किमी लंबे राजमार्ग पर इस साल अब तक लगभग 400 हादसे हो चुके हैं।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने सुरक्षा निरीक्षण के लिए सड़क सुरक्षा समिति का गठन किया है, जिसने 17 से 20 जुलाई के दौरान साइट का दौरा भी किया। राज्य पुलिस को इंटरसेप्टर वाहनों के साथ गति सीमा लागू करने के लिए कहा गया है।

छह-लेन, दर्जनों हादसे

हादसे की एक बड़ी वजह वाहन चालकों द्वारा बहुत तेज़ रफ्तार से गाड़ी चलाना है। वे कहते हैं कि पूरे रास्ते में बहुत कम (करीब आधा दर्जन) एग्ज़िट (निकास) हैं। 

इस छह-लेन वाले, एलिवेटेड, एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण में 8,000 करोड़ रुपए से ज्यादा लागत आई थी। यह दो खंडों में विभाजित है। 

एक्सप्रेस-वे के बेंगलूरु-निदागट्टा खंड पर 189 हादसे हुए, जिनमें 59 लोगों की मौत हुई थी। वहीं, निदागट्टा-मैसूरु खंड में यह आंकड़ा बड़ा है। वहां 209 हादसे हुए, जिनमें 62 लोगों ने जान गंवाई।

समय की बचत, लेकिन ...

यह एक्सप्रेस-वे केंद्र सरकार के भारतमाला परियोजना कार्यक्रम के एक हिस्से के तौर पर बनाया गया है। इसका उद्देश्य बेंगलूरु और मैसूरु के बीच यात्रा के समय को कम करना है। इससे काफी सुविधा हो गई, लेकिन हादसों की वजह से दर्जनों लोग घायल हुए या उनकी जान चली गई। 

ये उपाय किए गए

हादसों को नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों ने गति सीमा साइन बोर्ड के साथ अतिरिक्त एंट्री-एग्जिट बोर्ड भी लगाए हैं। वहीं, लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस चार एंबलेंस लगाई गई हैं। आपात स्थिति के मद्देनजर पैरामेडिक स्टाफ उपलब्ध कराया गया है। टोल प्लाजा पर एक चिकित्सा सहायता पोस्ट मुहैया कराई गई है।

इन वाहनों पर प्रतिबंध

इसके अलावा, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने एक्सप्रेस-वे पर एक अगस्त से दोपहिया वाहन, ऑटो, ट्रैक्टर, गैर-मोटर चालित वाहन, मल्टी-एक्सल हाइड्रोलिक ट्रेलर वाहन और साइकिल जैसे धीमी गति से चलने वाले वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है।

एनएचएआई द्वारा 12 जुलाई को जारी अधिसूचना के अनुसार, तेज रफ्तार से चलने वाले वाहनों की आवाजाही तुलनात्मक रूप से धीमी गति से चलने वाले वाहनों, जैसे दो पहिया, तीन पहिया या अन्य धीमी गति से चलने वाले वाहनों की सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न कर सकती है।

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