श्रद्धा हत्याकांड: आफताब पूनावाला की एफएसएल रोहिणी में पॉलीग्राफी जांच

पूनावाला सुबह नौ बजकर 50 मिनट पर एफएसएल पहुंचा

श्रद्धा हत्याकांड: आफताब पूनावाला की एफएसएल रोहिणी में पॉलीग्राफी जांच

जांच सत्र सुबह करीब 11 बजे शुरू हुआ

नई दिल्ली/दक्षिण भारत/भाषा। अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वालकर की हत्या करने के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला की शेष पॉलीग्राफ जांच रोहिणी में विधि-विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) में हो रही है।

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अधिकारियों ने बताया कि पूनावाला सुबह नौ बजकर 50 मिनट पर एफएसएल पहुंचा और जांच सत्र सुबह करीब 11 बजे शुरू हुआ।

एफएसएल, रोहिणी में अपराध दृश्य प्रबंधन विभाग के प्रमुख संजीव गुप्ता ने कहा, ‘जब आखिरी सत्र हुआ था तो स्वास्थ्य से जुड़ा कोई मसला आ गया था जिससे कुछ सत्र संतोषजनक नहीं थे। हमारी लैब और नार्को जांच के लिए पूरी तैयारी हो गई है।’

उन्होंने कहा, ‘जांच के दौरान आफताब सहयोग कर रहा है या नहीं, यह हम जांच एजेंसी को बताएंगे क्योंकि यह गोपनीय मामला है।’

पूनावाला की जांच के तीन सत्र हो चुके हैं और आखिरी सत्र शुक्रवार को तीन घंटे तक चला था। इस जांच को ‘लाई डिटेक्टर’ के नाम से भी जाना जाता है।

तिहाड़ जेल के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) धीरज माथुर ने कहा कि पूनावाला तिहाड़ जेल संख्या चार में है। जब वह आया तो उसकी स्वास्थ्य जांच की गयी तथा कोई दिक्कत नहीं थी।

उसे अलग कोठरी में रखा गया है और उसकी 24 घंटे सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है।

माथुर ने कहा, ‘जेल अधीक्षक को अदालत से एक आदेश मिला कि पूनावाला को 28, 29 नवंबर तथा पांच दिसंबर को एफएसएल रोहिणी के निदेशक के समक्ष पेश किया जाए। दिल्ली पुलिस की तीसरी बटालियन एफएसएल निदेशक के समक्ष उसे पेश करेगी।’

पूनावाला ने वालकर (27) की कथित तौर गला घोंटकर हत्या कर दी थी। इसके बाद उसने शव के 35 टुकड़े करके उन्हें करीब तीन सप्ताह तक दक्षिणी दिल्ली के महरौली में स्थित अपने घर में 300 लीटर के फ्रिज में रखे रखा और फिर एक-एक करके वह टुकड़े अलग-अलग जगह फेंकता रहा।

पुलिस ने 12 नवंबर को पूनावाला को गिरफ्तार करके पुलिस हिरासत में भेज दिया था। 17 नवंबर को उसकी हिरासत पांच दिन के लिए बढ़ा दी गई। 22 नवंबर को उसे चार और दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। शनिवार को दिल्ली की एक अदालत ने पूनावाला को 13 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

पुलिस को अभी तक वालकर की खोपड़ी और शरीर के अन्य हिस्सों के साथ ही उसके शव के टुकड़े करने में इस्तेमाल किया गया हथियार नहीं मिला है।

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