एक असामान्य मस्तिष्क

एक असामान्य मस्तिष्क

’’काम आपको जीने का एक मकसद देता है। बिना काम के जिंदगी खाली लगने लगती है।’’ क्या यह माना जा सकता है कि जिस आदमी ने यह बात कही, वह किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि में असमर्थ था? क्या यह मानना आसान है कि एक कुर्सी पर बैठकर भी यह व्यक्ति अंतरिक्ष की अथाह व्यापकता को अपनी आंखों में भर सकता था, दुनिया को अंतरिक्ष के रहस्य समझा सकता था और इन्सानों की पृथ्वी का समूचा इतिहास एक किताब में संजो सकता था? सिर्फ तकनीक की ही ताकत थी कि मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने मोटर न्यूरॉन बीमारी का शिकार होने के बाद डॉक्टरों की धारणा के विपरीत लगभग डे़ढ शताब्दी लंबा जीवन जिया। वैसे, अपनी सफलता का राज बताते हुए उन्होंने एक बार कहा था कि उनकी बीमारी ने उन्हें वैज्ञानिक बनाने में सबसे ब़डी भूमिका अदा की है। बीमारी के दौरान उन्हें लगने लगा कि वे लंबे समय तक जिंदा नहीं रहेंगे तो उन्होंने अपना सारा ध्यान रिसर्च पर लगा दिया। बिग बैंग थ्योरी, सापेक्षता (रिलेटिविटी) और ब्लैक होल को समझने में हॉकिंग की अहम भूमिका थी। वर्ष १९७४ में ब्लैक हॉल्स पर अपने असाधारण शोधकार्य के कारण स्टीफन हॉकिंग विज्ञान की दुनिया के ब़डे नाम बन गए थे। उनका जन्म ८ जनवरी १९४२ को इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में हुआ था। अपने जीवन के आखिरी ५५ साल उन्होंने ह्वीलचेयर पर गुजारे। जब वर्ष १९६३ में वह मोटर न्यूरॉन बीमारी के शिकार बने, तब वह मात्र २२ साल के युवक थे। डॉक्टर ने कहा था कि वह सिर्फ दो वर्ष और जी सकते हैं। हॉकिंग की खासियत यह थी कि वह पूरी दुनिया की स्थापित मान्यताओं को ठोस वैज्ञानिक सिद्धांतों और दलीलों के आधार पर खारिज करने में कतई नहीं कतराते थे। उनके विरोधियों के पास उनके तर्क की कोई पुख्ता काट कभी नहीं रही। अपनी वैज्ञानिक सोच के आधार पर उन्हें लगा कि ईश्वर ने ब्रह्मांड की रचना नहीं की तो यह कहने में उन्होंने किसी प्रकार की हीला-हवाली नहीं की। विज्ञान की दुनिया में अपनी बेहद मशहूर किताब ’’दी ग्रैंड डिजाइन’’ में उन्होंने लिखा कि ब्रह्मांड की रचना अपने आप हुई। प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइजैक न्यूटन मानते थे कि इस सृष्टि का अवश्य ही कोई रचयिता होगा, अन्यथा इतनी जटिल रचना पैदा नहीं हो सकती। वहीं, हॉकिंग ने अपने गणितीय ज्ञान के आधार पर कहा कि ब्रह्मांड में गुरुत्वाकर्षण शक्ति की वजह से नई रचनाएं हो सकती हैं और होती भी हैं। इसके लिए ईश्वर जैसी किसी शक्ति की जरूरत नहीं है। उनके इन तर्कों की वजह से कई लोग उनकी तुलना प्राचीन ग्रीक खगोलविद गैलिलियो से भी करते हैं, जिन्हें तमाम दुनिया की मान्यताओं के विपरीत पृथ्वी को गतिशील और सूर्य को स्थिर बताने पर जहर देकर मार डाला गया था। हॉकिंग का जाना विज्ञान की दुनिया के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपने पीछे अपने ज्ञान से समृद्ध दुनिया छो़डा है।

Tags:

About The Author

Related Posts

नोटबंदी पर बहस

नोटबंदी पर बहस

कृषि आय पर कर

कृषि आय पर कर

गंगा की स्वच्छता

गंगा की स्वच्छता

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

नितिन नबीन ने भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर कार्यभार संभाला नितिन नबीन ने भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर कार्यभार संभाला
Photo: NitinNabinBJP FB Page
एमजीनरेगा: प्रियंका वाड्रा ने पूछा- 'महात्मा गांधी का नाम क्यों हटाया जा रहा है?'
नेहरू ने कश्मीर मुद्दे को विवादास्पद बनाया, भारत को उग्रवाद और अलगाववाद मिला: योगी आदित्यनाथ
कांग्रेस 'वोट चोरी' में विश्वास करती है तो तेलंगाना में सत्ता छोड़कर मिसाल कायम करे: बंडी संजय कुमार
भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने पर बोले नितिन नबीन- 'यह पार्टी का आशीर्वाद है'
पहलगाम आतंकी हमला मामले में एनआईए आज चार्जशीट दाखिल करेगी
मानवता फिर लहूलुहान