आम लोगों को बजट से रोजगार सृजन, आयकर दरें घटने की उम्मीदें: शेयरचैट
आम लोगों को बजट से रोजगार सृजन, आयकर दरें घटने की उम्मीदें: शेयरचैट
नई दिल्ली/भाषा। इस सप्ताह पेश होने वाले आम बजट पर सबकी निगाहें हैं। इसको लेकर कारोबारियों से लेकर आम लोग तक अपनी राय जाहिर कर रहे हैं। इसमें आयकर में कटौती, जीएसटी की दरों में कमी, अधिक-से-अधिक रोजगार सृजित करने और जरूरी वस्तुओं के दाम में कटौती जैसे विचार छाए हुए हैं।
सोशल मीडिया कंपनी शेयर चैट ने बृहस्पतिवार को एक बयान में यह जानकारी दी। उसके अनुसार महज दो दिनों में बजट से जुड़ी सामग्रियों को दो करोड़ से अधिक बार देखा गया। इस दौरान बजट को लेकर दो लाख 80 हजार बार चर्चाएं की गईं तथा इन सामग्रियों को 80 हजार से अधिक बार व्हाट्सएप पर शेयर किया गया। इन चर्चाओं में रोजगार सृजन, व्यक्तिगत आयकर की दरों में कटौती लोगों की प्रमुख अपेक्षाएं हैं।भारतीय भाषाओं में सोशल मीडिया मंच मुहैया कराने वाली कंपनी ने 28 जनवरी की सुबह 10 बजे से 30 जनवरी की सुबह 10 बजे तक इस संदर्भ में जुटाए गए आंकड़ों तथा हिंदी, पंजाबी, तमिल, मराठी, बंगाली और कन्नड़ भाषाओं में किए गए पोस्ट का विश्लेषण कर यह निष्कर्ष निकाला है।
बयान के अनुसार हिंदी के उपयोक्ताओं की दिलचस्पी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कटौती, आयकर दरों में कटौती तथा रोजगार के अवसरों के सृजन में रही। कुल 60 लाख लोगों ने इससे जुड़े पोस्ट को देखा जबकि 1,00,000 बार इसकी चर्चा की गई जबकि 20,000 ने इसे व्हाट्सएप पर शेयर किया।
वहीं पंजाबी भाषा में सोशल मीडिया का उपयोग करने वालों में जीएसटी दरों में कटौती, कृषि उत्पादन बढ़ाने तथा किसानों के कर्ज माफ किए जाने के मुद्दे छाए हैं। इससे जुड़े पोस्ट को 20 लाख लोगों ने देखा जबकि 80,000 बार इस पर चर्चा की गई तथा 22,000 बार व्हाट्सएप पर साझा किया गया।
वहीं तमिल के उपयोक्ताओं ने रोजगार सृजन के अलावा आवश्यक वस्तुओं के दाम पर नियंत्रण तथा आर्थिक नरमी से उबरने के उपायों में दिलचस्पी दिखाई। बयान के अनुसार, मराठीभाषी लोगों की भागीदारी किसानों व आम लोगों को राहत, स्वास्थ्य व शिक्षा पर अधिक खर्च, आयकर की कम दरों आदि में रही। बंगाली और कन्नड़ भाषी उपयोक्ताओं को आयकर की दरें घटाने तथा रोजगार सृजन की उम्मीदें हैं।