ईशा योग केंद्र के समर्थन में उमड़े ग्रामीण, कहा- स्वार्थी तत्त्वों के बहकावे में नहीं आएंगे
उन्होंने कहा- ईशा ने हमारे बच्चों को शिक्षित करने में मदद की है
चेन्नई/दक्षिण भारत। ईशा योग केंद्र के आसपास के गांवों के 500 से अधिक लोगों का एक समूह 'स्वार्थी तत्त्वों' के विरोध में सड़कों पर उतर आया, जो निराधार आरोपों के साथ योग केंद्र को बदनाम कर रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि वे योग केंद्र के कारण स्वास्थ्य, आजीविका, शिक्षा और सामुदायिक भलाई का लाभ प्राप्त कर रहे हैं, जो इन झूठे आरोपों से खतरे में पड़ सकते हैं।
अलंदुरई बस स्टैंड के पास हुए प्रदर्शन में अलंदुरई, सेमेडु, इरुट्टुपल्लम, माधवरयापुरम, मुताथुवायल, मुलिंगर, थानीकंडी, मदक्काडु, नल्लुरवायलपति, पट्टियारकोविलपति जैसे विभिन्न गांवों के 500 से ज्यादा लोग आए थे।इस दौरान किसानों, ऑटो चालकों, ग्रामीणों और आदिवासी समाज के लोगों ने ईशा के कारण उनके गांवों को हुए फायदों के बारे में बताया और स्वार्थी तत्त्वों द्वारा की जा रही कोशिशों से सावधान रहने को कहा।
आदिवासी गांव थानीकंडी की गायत्री ने कहा, थानीकांडी, मडक्काडु और मुल्लांगडु जैसे वेल्लियांगिरी तलहटी में आदिवासी गांवों के कई लोग अपनी आजीविका के लिए ईशा पर निर्भर हैं। ईशा की मदद से हमने महिला स्वयं सहायता समूह शुरू किया है और आदियोगी के रास्ते में दुकानें चलाकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ईशा ने हमारे बच्चों को शिक्षित करने में मदद की है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि रात का समय क्या है, लेकिन अगर हम फोन करते हैं तो वे आपात स्थिति में मदद के लिए एम्बुलेंस भेजते हैं। कुछ लोग झूठे बयान दे रहे हैं कि ईशा ने सिर्फ पैसों के लिए आदिवासियों की जमीनों पर कब्जा कर लिया है। यह पूरी तरह से झूठ है। मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि मेरी मां भी इस तरह के झूठे बयान फैलाने वालों में से एक हैं। हमारे गांव के लोग जानते हैं कि सच्चाई क्या है और हम हमेशा ईशा के समर्थन में खड़े हैं।
बोलुवमपट्टी पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष एसपी वेलुसामी ने कहा, ध्यानलिंग अभिषेक से पहले भी ईशा के साथ हमारे अच्छे संबंध रहे हैं। ईशा के आने के बाद ही हमारे क्षेत्र को अच्छी सड़कें, बस सेवाएं और चिकित्सा सेवाएं मिली हैं। हम ईशा स्वयंसेवकों द्वारा कोरोना महामारी के दौरान प्रदान की गई मदद को कभी नहीं भूलेंगे। हमें गर्व है कि ईशा योग केंद्र, जिसकी प्रधानमंत्री सहित विश्व स्तर पर कई लोगों ने प्रशंसा की है, हमारे गांव में स्थित है।
उन्होंने कहा कि कुछ फर्जी संगठन पैसे और प्रचार के लिए झूठे आरोप लगा रहे हैं। हम यहां कई पीढ़ियों से रह रहे हैं। क्या हम नहीं जानते कि क्या सच है और क्या झूठ है? कुछ लोगों ने बाहर से आए लोगों को यहां आने और ईशा का विरोध करने के लिए पैसे दिए हैं। वे अनावश्यक भ्रम और गांव में शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। हम ऐसी कोशिशों की कड़ी निंदा करते हैं
थोंडामुथुर किसान संघ सलाहकार समिति के सदस्य कुमार ने कहा, सद्गुरु के मार्गदर्शन में शुरू किया गया वेल्लिंगिरी उझावन एफपीओ तमिलनाडु में अग्रिम है। थोंडामुथुर क्षेत्र के किसानों को आर्थिक रूप से और भी लाभ हुए हैं।
यह वास्तविकता है कि कुछ लोग आदिवासियों के नाम का उपयोग कर कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस अधिकारियों को दूसरे जिलों के लोगों को यहां आने और विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। अगर वे फिर भी इस तरह की गतिविधियां करते रहे तो स्थानीय लोग एकजुट होकर उनके झूठे बयानों और साजिशों का पर्दाफाश करेंगे।