कर्नाटक सरकार ने नए विधेयक में कन्नड़ भाषा को बढ़ावा देने के लिए किए विस्तृत उपाय

कर्नाटक सरकार ने नए विधेयक में कन्नड़ भाषा को बढ़ावा देने के लिए किए विस्तृत उपाय

पिछले कई वर्षों से कन्नड़ भाषा को प्राथमिकता देने के लिए तय मौजूदा नियमों और विनियमन को प्रभावी बनाने के लिए कानूनी ढांचे की मांग की जा रही थी


बेंगलूरु/दक्षिण भारत/भाषा। कर्नाटक सरकार ने राज्य में विभिन्न स्तरों पर कन्नड़ भाषा को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत उपायों वाला एक विधेयक तैयार किया है। इसमें कन्नड़ भाषी लोगों को नौकरी में पहली प्राथमिकता नहीं देने वाली औद्योगिक इकाइयों को कर छूट या प्रोत्साहन छूट के लिए अयोग्य करार देने का प्रावधान है।

Dakshin Bharat at Google News
पिछले कई वर्षों से कन्नड़ भाषा को प्राथमिकता देने के लिए तय मौजूदा नियमों और विनियमन को प्रभावी बनाने के लिए कानूनी ढांचे की मांग की जा रही थी और अब इसे ‘कानूनी तौर पर बाध्यकारी बनाया जा रहा है।’

लंबे समय से चली आ रही इन मांगों को पूरा करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए कर्नाटक सरकार इस सप्ताह विधानमंडल के मानसून सत्र में यह विधेयक पेश करने जा रही है।

सरकार की यह घोषणा ‘हिंदी दिवस’ मनाने को लेकर कुछ धड़ों द्वारा आक्रोश और विरोध प्रदर्शन किए जाने के बीच आई।

मुख्यमंत्री बसावराज बोम्मई ने 14 सितंबर को कहा कि राज्य में पहली बार कानूनी ढांचा प्रदान किया जा रहा है जिसके तहत कन्नड़ भाषा अनिवार्य होगी। उन्होंने कहा कि यह भाषा और उसको बोलने वालों की रक्षा करने एवं विकास के लिए है।

‘कन्नड़ भाषा विस्तृत विकास विधेयक’ में इसके साथ ही यह भी परिभाषित किया गया है कि ‘कौन कन्नड़ भाषी’ है और नियमों के उल्लंघन करने पर दंड का प्रावधान किया गया है।

कन्नड़ भाषा को आधिकारिक भाषा के तौर पर स्थापित करने के लिए विधेयक में कन्नड़ और संस्कृति निदेशालय के कार्य को ‘भाषा क्रियान्वयन निदेशालय’ में परिवर्तित करने और राज्य, जिला और तालुका स्तर पर समिति बनाने का प्रस्ताव है।

राज्य स्तर की समिति में कन्नड़ विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और मुख्य सचिव होंगे।

कर्नाटक सरकार ने नए विधेयक में कन्नड़ भाषा को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत उपाय किए

कर्नाटक विकास प्राधिकरण (केडीए) ने विधेयक का पहला मसौदा तैयार किया था। हालांकि, न्यायमूर्ति एसआर भानुरमत के अध्यक्षता वाले कर्नाटक विधि आयोग ने अन्य अधिकारियों और केडीए के अध्यक्ष के साथ चर्चा करने के बाद ‘कर्नाटक भाषा विस्तृत विकास विधेयक-2022’ का नया मसौदा तैयार किया।

केडीए के अध्यक्ष टीएस नागाबरना ने कहा कि यह विधेयक अहम है, क्योंकि कन्नड़ भाषा को प्राथमिकता के साथ लागू करने में यह कानूनी मदद प्रदान करेगा, जिससे भाषा के विस्तार और कन्नड़ भाषियों को मजबूती देने में सहायता मिलेगी।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

जासूसी मामला: यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के बारे में पुलिस को कौनसी नई जानकारी मिली? जासूसी मामला: यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के बारे में पुलिस को कौनसी नई जानकारी मिली?
Photo: @TravelwithJo YouTube Channel
आरएसएस मुख्यालय पर हमले का मुख्य साजिशकर्ता रजाउल्लाह पाकिस्तान के सिंध में ढेर
हैदराबाद की इमारत में लगी भीषण आग, 17 लोगों की मौत
10वीं कक्षा के सभी विद्यार्थियों के लिए रोबोटिक्स शिक्षा अनिवार्य करने वाला पहला राज्य बना केरल
आईएमएफ ने पाकिस्तान पर 11 नई शर्तें लगाईं: रिपोर्ट
हरियाणा: पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में युवक गिरफ्तार
हरियाणा की मशहूर यूट्यूबर को पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया