बेंगलूरु में हिंसक भीड़ ने मचाया तांडव, 3 लोगों की मौत, कई पुलिसकर्मी घायल

बेंगलूरु में हिंसक भीड़ ने मचाया तांडव, 3 लोगों की मौत, कई पुलिसकर्मी घायल
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। पूर्वी बेंगलूरु में मंगलवार देर रात हिंसा भड़कने से तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। उग्र भीड़ ने केजी हल्ली और डीजे हल्ली पुलिस थानों पर हमला किया। इसके जवाब में पुलिस ने गोलियां चलाईं, आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। इस सिलसिले में 110 लोगों की गिरफ्तारी के समाचार हैं।
जानकारी के अनुसार, भीड़ ने कवलबिरासंद्रा में एक राजनेता के घर पर हमला किया, पुलिस के साथ भिड़ंत की और कई वाहनों को आग लगा दी। आयुक्त कमल पंत के नेतृत्व में एक पुलिस दल पर भीड़ ने पत्थरों से हमला किया। हिंसा में कई पुलिसकर्मी और भीड़ में शामिल लोग घायल हो गए।केजी हल्ली और डीजे होली स्टेशनों की ओर जाने वाले रास्ते बंद होने के कारण अतिरिक्त पुलिस बल को उन स्थानों तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। भीड़ ने केजी हल्ली थाने की एक केएसआरपी वैन पर हमला किया, कर्मियों पर पत्थर बरसाए, जिसके बाद पुलिस को भी कार्रवाई करनी पड़ी।
क्या बोले शहर पुलिस आयुक्त?
शहर पुलिस आयुक्त कमल पंत ने कहा कि भीड़ ने पुलिस पर पत्थर और बोतलें फेंकीं और उनका रास्ता रोका। उन्होंने कहा, न चाहते हुए भी, हमें हवा में फायर करने के लिए मजबूर किया गया। कम से कम 60 पुलिस अधिकारी घायल हुए हैं।
यहां लगाया कर्फ्यू
घटना के मद्देनजर केजी हल्ली, डीजे हल्ली, भारतीनगर, पुलिकेशिनगर और बनासवाड़ी पुलिस थाना इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। सीआरपीसी की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश पूरे बेंगलूरु शहर पर लागू कर दिए गए हैं।
This kind of brazen violence to intimidate a whole city is ONLY bcoz “some” people believe that there are no consequences or costs to breaking the law.
This in unacceptable. WHATEVER be the provocation, law breaking must hv consequences. @CPBlr https://t.co/FnMIvMcjyF
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@rajeev_mp) August 12, 2020
पुलिस ने कहा कि राजनेता के करीबी रिश्तेदार द्वारा कथित सोशल-मीडिया पोस्ट को लेकर भीड़ ने हंगामा किया। उस व्यक्ति ने यह दावा करते हुए पोस्ट को हटा दिया कि उसका अकाउंट हैक कर लिया गया था। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
भीड़ को शांत करने की कोशिश
यह मामला शाम 7 बजे के आसपास शुरू हुआ जब एक भीड़ राजनेता के घर के सामने इकट्ठी हुई और दो कारों को आग लगा दी। पूर्वी डिवीजन के लगभग 150 सशस्त्र पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। पुलिस उपायुक्त (पूर्व) एसडी शरणप्पा सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भीड़ को शांत करने की कोशिश की।
भीड़ समूहों में विभाजित हो गई। इसके बाद समूहों ने पुलकेशिनगर, भारतीनगर, कमर्शियल स्ट्रीट और तन्नेरी रोड पर दुकानदारों से बलपूर्वक शटर बंद करवाए। तन्नेरी रोड पर कई स्थानों पर वाहनों के टायरों में आग लगा दी गई। एक दमकल वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गया।
केजी हल्ली और डीजे हल्ली पुलिस थानों के सामने दो विशाल समूहों मेंं भीड़ एकत्रित हो गई। वे मांग करने लगे, ‘पुलिस को आरोपी को तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए।’ उन्होंने थाना भवन के दरवाजों को बाहर से बंद कर दिया और जबरन अंदर घुसने का प्रयास किया।
वाहनों को लगाई आग
थानों के सामने दो डीसीपी के इनोवा सहित कई वाहन क्षतिग्रस्त कर दिए गए। डीजे हल्ली थाने के सामने एक जीप में आग लगा दी गई। एक रिपोर्ट में बताया गया कि करीब दस वाहनों में आग लगा दी गई।
अब कैसे हालात?
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, हम समुदाय के नेताओं के पास गए और उन्हें पुलिस थाने आने और भीड़ को संबोधित करने के लिए कहा है। स्थिति नियंत्रण में है।
क्या बोले विधायक?
इस संबंध में पुलकेशिनगर के विधायक अखंड श्रीनिवासमूर्ति ने कहा, ‘यह बदमाशों की हरकत है। पुलिस और सरकार शरारती तत्वों खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जांच और पहल करेगी। मैं इस निर्वाचन क्षेत्र का विधायक हूं और यहां हर कोई मेरा परिवार है। मैं आपसे शांति बनाए रखने का अनुरोध करता हूं। मुझे आशंका है कि असामाजिक तत्व स्थिति का फायदा उठा सकते हैं।’
यह हरकत अस्वीकार्य
वहीं, राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने कहा, एक पूरे शहर को डराने के लिए इस तरह की बेशर्म हिंसा केवल इसलिए है क्योंकि ‘कुछ’ लोग मानते हैं कि कानून तोड़ने के कोई परिणाम या कीमत नहीं हैं। यह अस्वीकार्य है। जो भी उकसावे की बात हो, कानून तोड़ने के परिणाम अवश्य होने चाहिए।