दक्षिण मध्य रेलवे की एमएमटीएस परियोजना के 16 साल
दक्षिण मध्य रेलवे की एमएमटीएस परियोजना के 16 साल
सिकंदराबाद/दक्षिण भारत। दक्षिण मध्य रेलवे के मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम (एमएमटीएस) प्रोजेक्ट ने 16 साल पूरे कर लिए हैं। रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, एमएमटीएस को अक्सर हैदराबाद और सिकंदराबाद की प्रमुख परिवहन जीवनरेखा प्रणालियों में से माना जाता है। यह ट्विन सिटीज के लोगों को परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने वाली अनूठी परियोजना है।
अब इसे व्यापक रूप से उक्त जुड़वां शहरों के लोगों को उपलब्ध विश्वसनीय, सुरक्षित और किफायती परिवहन प्रणाली के तौर पर जाना जाता है। बता दें कि एमएमटीएस की ट्रेनों को तत्कालीन उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने 9 अगस्त, 2003 को सिकंदराबाद के भोईगुडा में आयोजित एक समारोह में हरी झंडी दिखाई थी। आम लोगों की सेवा करते हुए इस प्रणाली ने 8 अगस्त को कामयाबी के 16 साल पूरे कर लिए हैं।यह उपनगरीय परिवहन परियोजना है जिसे हैदराबाद शहर में यातायात के दबाव को संतुलित करने के लिए रेलवे और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से शुरू किया गया। एमएमटीएस ने 9 अगस्त, 2003 को सिकंदराबाद-लिंगमपल्ली और हैदराबाद-लिंगमपल्ली के बीच 29 किलोमीटर की दूरी तक परिचालन शुरू किया था।
बाद में, सिकंदराबाद-फलकनुमा के बीच खंड को 15 किलोमीटर तक फैलाकर फरवरी 2014 में एमएमटीएस नेटवर्क के तहत लाया गया। साल 2003-04 में इसका रोजाना औसतन 13,000 यात्री उपयोग करते थे। यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। साल 2019-20 में जुलाई तक रोजाना औसतन एक लाख 65 हजार यात्री इसका उपयोग कर चुके हैं।