छठ से लेकर स्टार्ट-अप और प्रकाश पर्व तक, 'मन की बात' में क्या बोले मोदी?

छठ से लेकर स्टार्ट-अप और प्रकाश पर्व तक, 'मन की बात' में क्या बोले मोदी?

प्रधानमंत्री ने कहा कि छठ का पर्व 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' का भी उदाहरण है


नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में देशवासियों के साथ विचार साझा किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज देश के कई हिस्सों में सूर्य उपासना का महापर्व छठ मनाया जा रहा है। छठ पर्व का हिस्सा बनने के लिए लाखों श्रद्धालु अपने गांव, अपने घर, अपने परिवार के बीच पहुंचे हैं। मेरी प्रार्थना है कि छठ मैया सबकी समृद्धि, सबके कल्याण का आशीर्वाद दें।

Dakshin Bharat at Google News
प्रधानमंत्री ने कहा कि सूर्य उपासना की परंपरा इस बात का प्रमाण है कि हमारी संस्कृति, हमारी आस्था का, प्रकृति से कितना गहरा जुड़ाव है। इस पूजा के जरिए हमारे जीवन में सूर्य के प्रकाश का महत्व समझाया गया है। साथ ही ये सन्देश भी दिया गया है कि उतार-चढ़ाव, जीवन का अभिन्न हिस्सा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि छठ का पर्व 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' का भी उदाहरण है। आज बिहार और पूर्वांचल के लोग देश के जिस भी कोने में हैं, वहां धूमधाम से छठ का आयोजन हो रहा है। दिल्ली, मुंबई समेत महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों और गुजरात के कई हिस्सों में छठ का बड़े पैमाने पर आयोजन होने लगा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले गुजरात में उतनी छठ पूजा नहीं होती थी, लेकिन समय के साथ आज करीब-करीब पूरे गुजरात में छठ पूजा के रंग नजर आने लगे हैं। यह देखकर मुझे भी बहुत खुशी होती है। आजकल हम देखते हैं, विदेशों से भी छठ पूजा की कितनी भव्य तस्वीरें आती हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सूर्य देव का ये वरदान है - 'सौर ऊर्जा'। आज एक ऐसा विषय है, जिसमें पूरी दुनिया अपना भविष्य देख रही है और भारत के लिए तो सूर्य देव सदियों से उपासना ही नहीं, जीवन पद्धति के भी केंद्र में रह रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज अपने पारंपरिक अनुभवों को आधुनिक विज्ञान से जोड़ रहा है, तभी, आज हम, सौर ऊर्जा से बिजली बनाने वाले सबसे बड़े देशों में शामिल हो गए हैं। सौर ऊर्जा से कैसे हमारे देश के गरीब और मध्यम वर्ग के जीवन में बदलाव आ रहा है, वो भी अध्ययन का विषय है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आपने कुछ दिन पहले, देश के पहले सूर्य ग्राम- गुजरात के मोढेरा की खूब चर्चा सुनी होगी। मोढेरा सूर्य ग्राम के ज्यादातर घर, सोलर पावर से बिजली पैदा करने लगे हैं। अब वहां के कई घरों में महीने के आखिर में बिजली का बिल नहीं आ रहा, बल्कि, बिजली से कमाई का चेक आ रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा देश सोलर सेक्टर के साथ ही स्पेस सेक्टर में भी कमाल कर रहा है। पूरी दुनिया, आज भारत की उपलब्धियां देखकर हैरान है। भारत ने एक साथ 36 उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित किया है। दीपावली से ठीक एक दिन पहले मिली ये सफलता एक प्रकार से ये हमारे युवाओं की तरफ से देश को एक स्पेशल दिवाली गिफ्ट है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे वो पुराना समय भी याद आ रहा है, जब भारत को क्रायोजेनिक रॉकेट टेक्नोलॉजी देने से मना कर दिया गया था। लेकिन भारत के वैज्ञानिकों ने ना सिर्फ स्वदेशी टेक्नोलॉजी विकसित की, बल्कि आज इसकी मदद से एक साथ दर्जनों उपग्रह अंतरिक्ष में भेज रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस लॉन्चिंग के साथ भारत वैश्विक वाणिज्यिक बाजार में एक मजबूत प्लेयर बनकर उभरा है, इससे अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत के लिए अवसरों के नए द्वार भी खुले हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में पहले स्पेस सेक्टर सरकारी व्यवस्थाओं के दायरे में ही सिमटा हुआ था। जब ये स्पेस सेक्टर भारत के युवाओं के लिए, भारत के निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया गया, तब से इसमें क्रांतिकारी परिवर्तन आने लगे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय उद्योग और स्टार्ट-अप्स इस क्षेत्र में नए-नए इनोवेशन और नई-नई टेक्नोलॉजी लाने में जुटे हैं। विशेषकर, इन-स्पेस के सहयोग से इस क्षेत्र में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इन-स्पेस के जरिए गैर–सरकारी कंपनियों को भी अपने पेलोड और उपग्रह लॉन्च करने की सुविधा मिल रही है। मैं अधिक से अधिक स्टार्ट-अप्स और इनोवेटर से आग्रह करूंगा कि वे स्पेस सेक्टर में भारत में बन रहे इन बड़े अवसरों का पूरा लाभ उठाएं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कई बार हम देखते हैं कि जब स्टूडेंट पावर की बात होती है, तो इसको छात्रसंघ चुनावों से जोड़कर उसका दायरा सीमित कर दिया जाता है। लेकिन स्टूडेंट पावर का दायरा बहुत बड़ा है, बहुत विशाल है। स्टूडेंट पावर भारत को शक्तिशाली बनाने का आधार है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जो युवा हैं, वही तो भारत को 2047 तक लेकर जाएंगे। जब भारत शताब्दी मनाएगा, युवाओं की ये शक्ति, उनकी मेहनत, उनका पसीना, उनकी प्रतिभा, भारत को उस ऊंचाई पर लेकर जाएगी, जिसका संकल्प देश आज ले रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे आज के युवा, जिस तरह देश के लिए काम कर रहे हैं, राष्ट्र निर्माण में जुट गए हैं, वो देखकर मैं बहुत भरोसे से भरा हुआ हूं। जिस तरह हमारे युवा हैकाथॉन में प्रॉब्लम सॉल्व करते हैं, रात-रात भर जागकर घंटों काम करते हैं, वो बहुत ही प्रेरणा देने वाला है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने लाल किले से 'जय अनुसंधान' का आह्वान किया था। मैनें इस दशक को भारत का टेकएड बनाने की बात भी कही थी। मुझे ये देखकर बहुत अच्छा लगा, इसकी कमान हमारी आईआईटी के विद्यार्थियों ने भी संभाल ली है।

पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता, हमारे समाज के कण-कण में समाहित है और इसे हम अपने चारों ओर महसूस कर सकते हैं। देश में ऐसे लोगों की कमी नहीं, जो पर्यावरण की रक्षा के लिए अपना जीवन खपा देते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कल, 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस है, सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जन्म-जयन्ती का पुण्य अवसर है। इस दिन देश के कोने-कोने में रन फॉर यूनिटी का आयोजन किया जाता है। यह दौड़, देश में एकता के सूत्र को मजबूत करती है, हमारे युवाओं को प्रेरित करती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 'जुड़ेगा इंडिया तो जीतेगा इंडिया' इस थीम के साथ राष्ट्रीय खेलों ने जहां एकता का मजबूत सन्देश दिया, वहीं भारत की खेल संस्कृति को भी बढ़ावा देने का काम किया है। आपको यह जानकर खुशी होगी कि भारत में राष्ट्रीय खेलों का अब तक का सबसे बड़ा आयोजन था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गोल्ड मेडल जीतने में सबसे आगे जो तीन टीमें रहीं, वे हैं- सर्विसेस की टीम, महाराष्ट्र और हरियाणा की टीम। इन खेलों में छह राष्ट्रीय रिकॉर्ड और करीब-करीब 60 राष्ट्रीय खेल रिकॉर्ड भी बने।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नवम्बर महीने में 15 तारीख को हमारा देश जन-जातीय गौरव दिवस मनाएगा। आपको याद होगा, देश ने पिछले साल भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयन्ती के दिन आदिवासी विरासत और गौरव को सेलेब्रेट करने के लिए ये शुरुआत की थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने अपने छोटे से जीवन काल में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लाखों लोगों को एकजुट कर दिया था। उन्होंने भारत की आजादी और आदिवासी संस्कृति की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब धरती आबा बिरसा मुंडा की बात आती है, छोटे से उनके जीवन काल की तरफ नजर करते हैं, आज भी हम उसमें से बहुत कुछ सीख सकते हैं। धरती आबा ने कहा था- यह धरती हमारी है, हम इसके रक्षक हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने हमेशा इस बात पर जोर दिया था कि हमें हमारी आदिवासी संस्कृति को भूलना नहीं है, उससे रत्ती-भर भी दूर नहीं जाना है। आज भी हम देश के आदिवासी समाजों से प्रकृति और पर्यावरण को लेकर बहुत कुछ सीख सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले 8 नवम्बर को गुरु परब है। गुरु नानकजी का प्रकाश पर्व जितना हमारी आस्था के लिए महत्वपूर्ण है, उतना ही हमें इससे सीखने को भी मिलता है। गुरु नानकदेवजी ने अपने पूरे जीवन, मानवता के लिए प्रकाश फैलाया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने गुरुओं के प्रकाश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अनेक प्रयास किए हैं। हमें गुरु नानकदेवजी का 550वां प्रकाश पर्व, देश और विदेश में व्यापक स्तर पर मनाने का सौभाग्य मिला था। दशकों के इंतजार के बाद करतारपुर साहिब कॉरिडोर का निर्माण होना भी उतना ही सुखद है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें हमारे गुरुओं के विचारों से लगातार सीखना है, उनके लिए समर्पित रहना है। इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा का भी है, इस दिन हम तीर्थों में, नदियों में, स्नान करते हैं, सेवा और दान करते हैं। मैं आप सभी को इन पर्वों की हार्दिक बधाई देता हूं।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download