बंधुत्व की भावना हमें किसी भी धर्म के खिलाफ नफरत का मुकाबला करने के लिए प्रेरित करती है: भारत
'बामियान में बुद्ध की मूर्तियों को तोड़ा जाना इस बात का प्रमाण है कि अन्य धर्मों के खिलाफ नफरत क्या कर सकती है'
संयुक्त राष्ट्र/भाषा। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हिंदू धर्म, सिख धर्म और बौद्ध धर्म सहित सभी धर्मों के खिलाफ हिंसा का संयुक्त रूप से मुकाबला करने का आग्रह किया है। भारत ने याद दिलाया कि अफगानिस्तान के बामियान में तालिबान द्वारा बुद्ध की मूर्तियों को तोड़ना इस बात का प्रमाण है कि अन्य धर्मों के खिलाफ नफरत क्या कर सकती है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि किसी भी धर्म, विशेष रूप से हिंदू, बौद्ध और सिख धर्मों के खिलाफ भय की भावना का पैदा होना गंभीर चिंता का विषय है और इस खतरे से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र को ध्यान देने की जरूरत है।उन्होंने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय ‘मानव बंधुत्व दिवस’ के अवसर पर एक विशेष डिजिटल कार्यक्रम में यह बात कही। इस कार्यक्रम को सभ्यताओं के संयुक्त राष्ट्र गठबंधन (यूएनएओसी) ने संयुक्त राष्ट्र में मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात के स्थायी मिशनों की साझेदारी से आयोजित किया था।
तिरुमूर्ति ने कहा, 'मानव बंधुत्व की भावना हमें न केवल अब्राहमी धर्मों, बल्कि सिख धर्म, बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म सहित सभी धर्मों के खिलाफ नफरत और हिंसा का मुकाबला करने के लिए भी प्रेरित करती है। बामियान में बुद्ध की मूर्तियों को तोड़ा जाना इस बात का प्रमाण है कि अन्य धर्मों के खिलाफ नफरत क्या कर सकती है। '
तालिबान ने 2001 में बामियान में बुद्ध की छठी शताब्दी में बनीं मूर्तियों को नष्ट कर दिया था। तालिबान के पूर्व नेता मुल्ला मोहम्मद उमर ने विशाल पर्वतों में उकेरी गईं उन मूर्तियों को नष्ट करने का आदेश दिया था।
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