मर्यादा का हमेशा पालन करें, गृहमंत्री होकर भी मैं करता हूं : राजनाथ सिंह
मर्यादा का हमेशा पालन करें, गृहमंत्री होकर भी मैं करता हूं : राजनाथ सिंह
लखनऊ। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने छात्र छात्राओं को जीवन में कभी मर्यादा न तो़डने की सीख देते हुए शनिवार को कहा कि जीवन में मर्यादाओं का पालन करने से इंसान ब़डा बनता है और भारत का गृह मंत्री होकर भी वह मर्यादाओं को कभी नहीं तो़डते। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘संकल्प लेकर हम भारत को विश्व गुरु बनाएंगे। भारत के पास बहुत कुछ है, गुरुत्वाकर्षण का नियम, पाइथागोरस थ्योरम भारत की देन है। कई ऐसी चीजे हैं जो भारत ने दी हैं। बस हम सबको संकल्प लेने की आवश्यकता है कि भारत को विश्व गुरु बनाएंगे, फिर भारत को विश्व गुरु बनने से कोई रोक नहीं सकता । भारत को विश्व गुरु बनाने में युवाओं का बहुत महत्तपूर्ण स्थान होगा।’’ लखनऊ विश्वविद्यालय के ६० वें दीक्षांत समारोह में शनिवार को गृह मंत्री विशिष्ठ अतिथि थे । इस अवसर पर उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा डीएससी की मानद उपाधि से भी सम्मानित किया गया। दीक्षांत समारोह में कुल ९७ छात्रों को १९२ मेडल से सम्मानित किया गया। इसमें सबसे ज्यादा १६१ मेडल ल़डकियों को दिए गए।। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति राम नाइक औरउप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा भी मौजूद थे।सिंह ने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय का देश के विकास में योगदान है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में भविष्य में होने वाले दीक्षांत समारोह में माता पिता की तरह गुरुओं का भी जिक्र होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैंने लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति से कहा था कि मुझे मानद डिग्री नहीं दी जाए। मैं अपने को इसके लायक नहीं मानता। कुलपति ने परंपरा का हवाला दिया, तब मैं इसके लिए तैयार हुआ।’’ राजनाथ ने कहा, ‘मनुष्य के जीवन में चरित्र का बहुत महत्व होता है, मैं अपने सारे छात्रों से कहना चाहूंगा कि जीवन में मर्यादाओं को कभी मत तो़डना । आज मैं भारत का गृह मंत्री हूं फिर भी मर्यादाओं को कभी नहीं तो़डता। मर्यादाओं का पालन केवल आपको प्रिय ही नहीं बनाता है बल्कि यदि आपने मर्यादाओं का पालन किया तो आपको लोगों का पूज्य भी बना देता है। मनुष्य के जीवन में संस्कारों और मर्यादाओं की बहुत अहमियत है, और यह सोच शिक्षा के माध्यम से आती है। कुछ समाज के माध्यम से भी आती है।’’ उन्होंने टामस फ्रीजमैन के गार्जियन में छपे एक लेख इन्फोसिस बनाम अलकायदा का उदाहरण देते हुए कहा कि दोनों में युवा जी जान से मेहनत से काम करते हैं लेकिन एक युवा देश के विकास के लिए काम करते हैं जबकि अलकायदा के युवा विध्वसंकारी कामों के लिये काम करते हैं । गृह मंत्री ने कहा कि मैं राजनीतिक क्षेत्र में काम कर रहा हूं, लोग कहेंगे कि राजनीतिक क्षेत्र में काम करने वाला व्यक्ति मुझे उपदेश दे रहा है। मैं जानता हूं कि स्वंत्रत भारत की राजनीति में नेताओं की कथनी और करनी में अंतर होने के कारण भारत की राजनीति और भारत के जन नेताओं पर से जन सामान्य का विश्वास पहले की अपेक्षा कम हुआ है, लेकिन नौजवान साथियों आप इस सच्चाई को भी नकार नहीं सकते कि आपके जीवन को भी राजनीति की यह व्यवस्थायें प्रभावित करती है । उन्होंने कहा, ‘वह राजनीति जो अपना अर्थ भी खो चुकी है अपना भाव भी खो चुकी है क्या आप यह संकल्प नहीं लोगे कि उसको हम पुन: स्थापित करेंगे, इस काम को कौन करेगा । राजनीतिक व्यवस्था से अपने को अलग रखने की कोशिश मत करो राजनीति शब्द दो शब्दों को मिलाकर बना है राज और नीति। नए नौजवानों का आह्वान करता हूं कि राजनीति का जो भाव और संकल्प खो गया है उसे पुन: पाने का प्रयास करें । युवा विकास की राजनीति से जु़डे क्योंकि भारत को हम सबको महान भारत बनाना है । ऐसा भारत जो ज्ञानवान भी हो, धनवान भी हो, ऐसा भारत जो महान भी हो । जो ज्ञान और विज्ञान दोनों में विश्व का नेतृत्व कर सकें ऐसे भारत का निर्माण करना है।’’