दुनिया की सबसे लंबी हीटेड क्रूड पाइपलाइन, शानदार सफर 11 सालों का

दुनिया की सबसे लंबी हीटेड क्रूड पाइपलाइन, शानदार सफर 11 सालों का

दुनिया की सबसे लंबी हीटेड क्रूड पाइपलाइन, शानदार सफर 11 सालों का

हीटेड क्रूड पाइपलाइन

बाड़मेर। राजस्थान के थार रेगिस्तान में विश्वस्तरीय तेल क्षेत्रों से कच्चे तेल को देश की विभिन्न रिफाईनरियों तक पहुंचाने वाली दुनिया की सबसे लंबी बाड़मेर-भोगत हीटेड क्रूड पाइपलाइन ने अपने ऑपेरशन के 11 साल पूरे कर लिए हैं। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।

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तेल-गैस की खोज और उत्पादन करने वाली भारत की निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी केयर्न ऑयल ऐंड गैस, वेदांता लिमिटेड इस पाइपलाइन को ऑपरेट कर रही है। ये पाइपलाइन बाड़मेर के मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल से शुरू होती है, इसका डिलीवरी पॉइंट भोगत, गुजरात है।

भारतीय इंजीनियरिंग तकनीकी का चमत्कार मानी जाने वाली लगभग 720 किलोमीटर लंबी इस पाइपलाइन का निर्माण मंगला से उत्पादित कच्चे तेल के परिवहन को सुगम बनाने के लिए किया गया। यह दुनिया की सबसे लंबी लगातार गर्म रहने वाली और इंसुलेटेड पाइपलाइन है और भारत में यह अपनी तरह की पहली पाइपलाइन है। इस पाइपलाइन को ब्रिटिश सुरक्षा परिषद द्वारा 2020 में मान्यता दी गई।

पाइपलाइन जमीन के ऊपर और नीचे दोनों जगह बनाई गई है और दोनों राज्यों में फैले कच्चे तेल के प्रवाह की पड़ताल करने के लिए नवीनतम तकनीक से युक्त है। पाइपलाइन पर किसी भी अनाधिकृत गतिविधि के खिलाफ लगातार निगरानी और कार्रवाई के लिए मोशन सेंसर और ड्रोन तैनात किए गए हैं।

प्रचुर शाह, डिप्टी सीईओ, केयर्न ऑयल एंड गैस, वेदांता लिमिटेड का कहना है,“हम भारत की हाइड्रोकार्बन क्षमता में मजबूती से विश्वास करते हैं और अपने परिचालन के लिए नवीनतम तकनीक में निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह पाइपलाइन हमारे उद्योग की अग्रणी पद्धतियों का प्रमाण है और घरेलू तेल और गैस उद्योग के क्षेत्र में की गई तमाम बेंचमार्क पहलों में एक है। हम एक ऊर्जा-सक्षम भारत का सपना साकार करने के लिए बाड़मेर से कई और वर्षों के सफल उत्पादन की आशा करते हैं और यह पाइपलाइन इसे वास्तविक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण घटक है।”

दुनिया की सबसे लंबी हीटेड क्रूड पाइपलाइन, शानदार सफर 11 सालों का
हीटेड क्रूड पाइपलाइन

राजस्थान सरकार के खान और पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया का कहना है,“राजस्थान देश के उन राज्यों में से एक है, जहाँ कच्चे तेल के सबसे बड़े भण्डार मिले हैं। यहाँ के कच्चे तेल के सफल दोहन ने देश को आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता कम करने में कुछ हद तक सक्षम बनाया है। राजस्थान राज्य की अपनी रिफाइनरी नहीं थी और इसलिए कच्चे तेल को गुजरात में स्थित रिफाइनरियों में ले जाना पड़ता था। पिछले 11 वर्षों में राजस्थान में उत्पादित कच्चे तेल के परिवहन में इस पाइपलाइन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसने राज्य में तेल और गैस उद्योग से मिलने वाले राजस्व में बढ़ोतरी की है, जिसने आर्थिक और सामाजिक विकास में योगदान दिया है।”

मंगला पिछले दो दशकों में भारत में सबसे फलदायक तटवर्ती तेल खोज मानी जाती है। हालाँकि, इस क्षेत्र से उत्पादित कच्चे तेल की मोम जैसी प्रकृति ने किसी नजदीकी रिफाइनरी की अनुपस्थिति में परिवहन की एक चुनौती पेश की। तेल-क्षेत्र से निकलने वाले चिपचिपे तेल का गुरुत्वाकर्षण एपीआई 25 से 30 के बीच होता है, जो इसे मोम जैसा बनाता है, और यह कमरे के तापमान पर ठोस हो जाता है। पाइपलाइन एक स्किन इफ़ेक्ट हीट मैनेजमेंट सिस्टम से सुसज्जित है, जो कच्चे तेल को पूर्व-निर्धारित तापमान पर रखती है और पूरी पाइपलाइन में सुचारू प्रवाह में मदद करती है। इसे मौसम या अन्य प्राकृतिक घटनाओं के कारण तापमान में किसी परिवर्तन से बचाने के लिए बाहर से इंसुलेटेड किया गया है।

प्रस्तुति: मोईनुद्दीन चिश्ती
(देश के वरिष्ठ लेखक-पत्रकार हैं और अपनी सकारात्मक लेखनी के लिए ख़ासे लोकप्रिय हैं)

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