उप्र: सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र और गुजरात से श्रमिकों को वापस लाने के निर्देश दिए
उप्र: सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र और गुजरात से श्रमिकों को वापस लाने के निर्देश दिए
लखनऊ/भाषा। महाराष्ट्र के नासिक से शनिवार को उत्तरप्रदेश के आठ सौ से अधिक श्रमिक रेलगाड़ी के जरिए अपने घरों को वापस आ रहे हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे महाराष्ट्र और गुजरात से श्रमिकों को वापस बुलाने के लिए वहां के अधिकारियों से वार्ता करें।
अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा की।इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि चीनी मिलों के संचालन में संक्रमण का एक भी प्रकरण सामने नहीं आया। इसी प्रकार ईंट-भट्ठा उद्योग भी अच्छी प्रकार चला है। इसी तर्ज पर सभी उद्योगों को चलाया जाए। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद प्रदेश में निवेश को एक नया आयाम देने के लिए एक वृहद कार्य योजना तैयार की जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन के सम्बन्ध में भारत सरकार द्वारा जारी परामर्श का अध्ययन करके उसके अनुरूप समस्त आर्थिक गतिविधियां संचालित कराये जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन अवधि में भी सम्भावनाओं को तलाशना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि संक्रमण से सुरक्षा के सभी उपाय अपनाते हुए औद्योगिक गतिविधियों को संचालित कराया जाए।
अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्बन्धित राज्य सरकारों को यह अवगत करा दिया जाए कि वे प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की सूची लेकर तथा उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराते हुए उनकी सकुशल वापसी की प्रक्रिया प्रारम्भ करें।
उन्होंने निर्देश दिये कि वापस आये सभी श्रमिकों का अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए। सभी जनपदों में इन्फ्रा-रेड थर्मामीटर उपलब्ध कराए जाएं, ताकि प्रवासी श्रमिकों की सुगमता से जांच की जा सके। प्रवासी श्रमिकों व कामगारों की जांच करते हुए स्वस्थ लोगों को घर पर ही 14 दिन के लिए पृथकवास में रखने के लिए भेजा जाए तथा जो स्वस्थ न हों, उनके लिए उपचार की व्यवस्था की जाए।
योगी आदित्यनाथ ने प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों के पृथवास सुनिश्चित कराने के लिए प्रत्येक जनपद में एक प्रभारी अधिकारी नामित किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभावी पुलिसिंग करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी दशा में अवैध अन्तर्राज्यीय एवं अन्तर्जनपदीय आवागमन न होने पाए।
अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश वापस आने वाले समस्त प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों के नाम, पते, मोबाइल नम्बर एवं कार्य दक्षता युक्त विवरण अवश्य संकलित किया जाए। इससे ऐसे श्रमिकों व कामगारों को रोजगार के अवसर सुलभ कराने में सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री ने 15-20 लाख लोगों को रोजगार के अवसर देने के लिए एक कार्य योजना तत्काल तैयार करने के निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के आपदा काल में भी प्रदेश सरकार ने समय से 16 लाख राज्य कर्मचारियों को वेतन तथा 12 लाख सेवानिवृत्त कर्मियों को पेंशन दे दी है।
अपर मुख्य सचिव गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में निर्णायक विजय प्राप्त करने के लिए संक्रमण की प्रत्येक शृंखला तोड़ना आवश्यक है। प्रत्येक जनपद में कोविड-19 तथा गैर कोविड-19 अस्पताल चिह्नित किए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि कोरोना के मरीज का उपचार केवल कोविड अस्पताल में ही किया जाए। अन्य रोगों के उपचार की व्यवस्था गैर कोविड अस्पताल में की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों की आपात स्थिति में मरीज की जांच की जाए। कोरोना के लक्षण वाले रोगियों को कोविड अस्पताल में उपचारित किया जाए। 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों अथवा छोटे बच्चों के कोरोना संक्रमित होने पर उनका उपचार एल-2 या एल-3 कोविड अस्पताल में किया जाए। एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों में बिस्तर की संख्या में वृद्धि के लिए तेजी से कार्य किया जाए।
योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि सभी मंडलों में एल-3 अस्पताल स्थापित किए जाएं। चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की प्रशिक्षण व्यवस्था को जारी रखा जाए। निजी चिकित्सकों तथा आयुष के चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया जाए, ताकि कोविड अस्पतालों में इनकी सेवाएं आवश्यकतानुसार प्राप्त की जा सकें।
अपर मुख्य सचिव अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि मंडियों में सामाजिक दूरी सुनिश्चित की जाए और भीड़ एकत्र न होने दी जाए। इनमें व्यवस्था बनाये रखने के लिए पीआरडी के जवानों की सेवाएं ली जाएं।
योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि मण्डियों को नियमित आधार पर संक्रमण मुक्त किया जाए। प्रधानमंत्री आवास योजना तथा मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत निर्माण कार्य संचालित किए जाए। इसके माध्यम से मनरेगा श्रमिकों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों को मास्क बनाने तथा आचार, मुरब्बा, पापड़ आदि तैयार करने के कार्य से जोड़ने के निर्देश दिए।