फैसले की घड़ी निकट आने से पुलिस की उड़ी नींद
फैसले की घड़ी निकट आने से पुलिस की उड़ी नींद
जोधपुरदेश के बहुचर्चित आसाराम प्रकरण में फैसला आने में अब महज दो दिन बचे है। समर्थकों के उत्पात को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर आसाराम को जोधपुर जेल में ही फैसला सुनाया जाएगा। वहीं फैसले की तिथि निकट आने के साथ ही जोधपुर पुलिस की पेशानी पर चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही है। प्रशासन और पुलिस अमले के बीच लगातार बैठकें हो रही है कि किस तरह आसाराम के समर्थकों को जोधपुर आने से रोका जाए। पुलिस ने आसाराम के समर्थकों को शहर में प्रवेश से रोकने के पूरे इंतजाम किए है, इसके बावजूद पुलिस घबरा रही है कि समर्थक किसी भी तरह शहर में प्रवेश कर सकते है। दो दिन बाद सुनाई जाएगी सजाआसाराम को फैसला सुना ने के लिए बुधवार को जेल परिसर में ही कोर्ट लगेगी। आसाराम की बैरक के निकट ही स्थापित टाडा कोर्ट में फैसला सुनाया जाएगा। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। फैसला सुनाने के दौरान कोर्ट के चुनिन्दा कर्मचारियों व दोनों पक्षों के वकील के अलावा किसी अन्य को प्रवेश नहीं मिलेगा।झ्रु्यध्फ् ·र्ैंर् र्ठ्ठणक्कर् द्मर््रख्रआसाराम केस के फैसले के दिन ब़डी संख्या में उनके समर्थकों के जोधपुर पहुंचने की संभावना है। आसाराम के समर्थक पूर्व में कई बार हु़डदंग मचा चुके है। ऐसे में गत वर्ष गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद भ़डकी हिंसा से सबक लेते हुए जोधपुर पुलिस ने क़डे कदम उठाए है। जोधपुर शहर में पहले से दस दिन के लिए धारा १४४ लागू कर दी गई है। आसाराम के पाल व मणाई आश्रम में पुलिस का पहरा बिठा दिया गया है। शहर के विभिन्न नाकों पर पुलिस की नजरें टिक गई है। हर आने जाने वाले वाहनों की सघन चैकिंग की जा रही है। सोमवार से समर्थकों के जोधपुर आने की आशंका में आज पुलिस ने रेलवे, बस स्टैण्ड व निजी बस स्टैण्ड पर खास तौर पर नजर रखनी शुरू कर दी है। सुबह से ही पुलिस सादा वर्दी में समर्थकों पर नजर लगाए रही। पुलिस आसाराम समर्थकों को रोकने के लिए भरसक प्रयास में जुटी है। इसके लिए रेलवे , रोडवेज व निजी बस वालों से भी पुलिस ने वार्ता की है। ताकि उसके समर्थकों को जोधपुर में सुनवाई के समय आने से रोका जा सके। पुलिस के अधिकारियों ने सुबह पुलिस लाइन सभागार में अफसरों के साथ बैठक कर आसाराम केस को लेकर रणनीति तय की।
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