सरकारी बंगले पर ताला लगाकर तीन पूर्व सांसद नदारद, अब ताला तोड़कर बंगले खाली कराएगी सरकार

सरकारी बंगले पर ताला लगाकर तीन पूर्व सांसद नदारद, अब ताला तोड़कर बंगले खाली कराएगी सरकार

सांकेतिक चित्र

नई दिल्ली/भाषा। सत्रहवीं लोकसभा के गठन के बाद 230 पूर्व सांसदों से लुटियन दिल्ली में आवंटित सरकारी बंगले खाली कराने के लिए सरकार की सख्ती के बावजूद चार पूर्व सांसदों ने अभी तक बंगला खाली नहीं किया है। इनमें से तीन पूर्व सांसद बंगले में ताला लगाकर कई दिनों से नदारद हैं, ऐसे में संपदा निदेशालय कठोर प्रावधानों वाले ‘सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जाधारियों की बेदखली) अधिनियम 2019’ की धारा पांच के तहत बलपूर्वक इनके बंगले खाली कराकर अपने कब्जे में ले सकता है।

Dakshin Bharat at Google News
निदेशालय के सूत्रों के अनुसार पूर्व सांसद डॉ. गोपाल के. (अन्नाद्रमुक), एम मुरली मोहन (तेदेपा) और भाजपा के मनोहर ऊंटवाल के बंगलों पर पिछले कुछ समय से ताला लगा है। कांग्रेस की पूर्व सांसद रंजीत रंजन ने भी निदेशालय से कई बार नोटिस दिए जाने के बाद भी आवास खाली नहीं किया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, रंजीत रंजन ने बीआर मेहता लेन पर आवंटित अपना बंगला अगले सप्ताह सोमवार तक खाली करने का निदेशालय को लिखित आश्वासन दिया है।

निदेशालय के एक अधिकारी ने बताया, तीन पूर्व सांसदों के बंगले पुलिस की मदद से बलपूर्वक खाली कराने के लिए पिछले कई दिनों से निदेशालय की टीम भेजी जा रही है लेकिन आवास पर ताला लगा देख, उसे वापस लौटना पड़ता है। अब निदेशालय के पास ताला तोड़ना ही अंतिम कानूनी विकल्प बचा है। यह कार्रवाई किसी भी दिन की जा सकती है।

एक अधिकारी ने बताया कि जिन पूर्व सांसदों के बंगले पर कई दिनों से ताला लगा पाया गया, उनमें राकांपा के धनंजय महाडिक को आवंटित साउथ एवेंन्यू स्थित 81 नंबर बंगला भी शामिल था। महाडिक को अब यही बंगला बृहस्पतिवार को बतौर अतिथि आवंटित कर दिया गया।

इसके अलावा गोपाल के को नॉर्थ एवेंन्यू स्थित 209 नंबर बंगला आवंटित था। वहीं, ऊंटवाल और मुरली मोहन को कावेरी अपार्टमेंट में आवास आवंटित था। अधिकारी ने बताया कि लोकसभा चुनाव के छह महीने बीतने के दौरान बरती गई सख्ती के फलस्वरूप 230 पूर्व सांसदों से सरकारी बंगले खाली कराने की अब तक की कार्रवाई सफल रही। सिर्फ चार पूर्व सांसदों ने आवास खाली नहीं किए हैं।

इस बीच लगभग 70 नवनिर्वाचित सांसदों को सरकारी आवास नहीं मिल पाने का मुद्दा सोमवार को लोकसभा में उठने के बाद निदेशालय ने खाली नहीं हुए बंगलों को ताले तोड़कर खाली कराने की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि अगले कुछ दिनों में कब्जाधारी द्वारा बंगला खाली नहीं किये जाने पर निदेशालय के अधिकारियों की टीम दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में बंगले के ताले तोड़ कर सामान का पंचनामा कर इसे जब्त कर लेगी, जिसे कब्जाधारक के लौटने पर उसे सुपुर्द कर दिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि सरकारी संपत्ति से अनधिकृत कब्जों को सख्ती से हटाने के लिए हाल ही में संसद द्वारा पारित कठोर प्रावधानों वाले ‘सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जाधारियों की बेदखली) अधिनियम 2019’ के मुताबिक पुलिस की मदद से बंगले को कब्जाधारी की मौजूदगी में ही बलपूर्वक खाली खाली कराया जा सकता है। लेकिन बंगले में ताला लगा मिलने पर अंतिम विकल्प के तौर पर ताले को तोड़कर भी खाली कराया जा सकता है।

कानून के मुताबिक किसी भी सांसद को संसद सदस्य नहीं रहने के एक महीने के भीतर सरकारी आवास खाली करना अनिवार्य है। एक महीने की अवधि में आवास खाली नहीं करने वाले पूर्व सांसद को निदेशालय द्वारा 15 दिन के भीतर बंगला खाली करने का नोटिस दिया जाता है। इसके बाद भी बंगला खाली नहीं करने पर निदेशालय, पुलिस की मदद से बलपूर्वक बंगला खाली करा सकता है।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download