उन्नाव दुष्कर्म मामले में कुलदीप सेंगर दोषी करार

उन्नाव दुष्कर्म मामले में कुलदीप सेंगर दोषी करार

कुलदीप सेंगर

नई दिल्ली/भाषा। दिल्ली की एक अदालत ने उन्नाव में 2017 में नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर को दोषी ठहराया है। अदालत ने एक अन्य आरोपी शशि सिंह को सभी आरोपों से बरी किया। तीस हजारी अदालत ने सेंगर को भारतीय दंड संहिता की धारा 376, सेक्शन 5(सी) और पॉक्सो अधिनियम के तहत दुष्कर्म का दोषी पाया। अब 19 दिसंबर को सजा पर बहस होगी।

दुष्कर्म मामले में दोषी ठहराए जाने के फौरन बाद कुलदीप सिंह सेंगर अदालत में ही रोने लगा। वह अपनी बहन के बगल में रोता दिखाई दिया।

अदालत ने जांच एजेंसी सीबीआई को फटकारा लगाई और कहा केस में चार्जशीट दाखिल करने में एक साल क्यों लगाया।मामले में पांच एफआईआर दर्ज की गई थीं। उनमें से एक पर अदालत का फैसला आया है। बता दें कि सेंगर ने 2017 में एक युवती का कथित तौर पर अपहरण करने के बाद उससे बलात्कार किया था। उस समय युवती नाबालिग थी। उप्र की बांगरमऊ विधानसभा सीट से चौथी बार विधायक बने सेंगर को इस मामले के बाद अगस्त 2019 में भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था।

अदालत ने नौ अगस्त को विधायक और सिंह के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, अपहरण, बलात्कार और पोक्सो कानून से संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए थे। कानून के जानकारों की मानें तो आरोप साबित होने पर दोषी को उम्र कैद तक की सजा हो सकती है।

बंद कमरे में हुई सुनवाई में जिला जज धर्मेश शर्मा ने कहा था कि वे 16 दिसंबर को इस मामले में फैसला सुनाएंगे। सेंगर पर आरोप लगाने वाली युवती की कार को 28 जुलाई में एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी, जिसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी। दुर्घटना में युवती की दो रिश्तेदार मारी गईं और उसके परिवार ने इसमें षड्यंत्र होने के आरोप लगाए थे।

उच्चतम न्यायालय ने उन्नाव बलात्कार मामले में दर्ज सभी पांच मामलों को एक अगस्त को उत्तरप्रदेश में लखनऊ की अदालत से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करते हुए निर्देश दिया कि रोजाना आधार पर सुनवाई की जाए और इसे 45 दिनों के अंदर पूरा किया जाए। न्यायालय ने यह व्यवस्था पीड़िता द्वारा भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखे पत्र पर संज्ञान लेते हुए दी थी।

बलात्कार मामले में बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों और बचाव पक्ष के नौ गवाहों से जिरह हुई। बलात्कार पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए यहां स्थित एम्स अस्पताल में एक विशेष अदालत भी बनाई गई। पीड़िता को लखनऊ के एक अस्पताल से हवाई एंबुलेंस के जरिए दिल्ली ला कर यहां भर्ती कराया गया था। उच्चतम न्यायालय के आदेशों पर युवती और उसके परिवार को सीआरपीएफ की सुरक्षा दी गई है।

 

Google News
Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

Advertisement

Latest News