बिहार के व्यक्ति का पसीना इस देश के विकास की नींव में है: शाह
बिहार के व्यक्ति का पसीना इस देश के विकास की नींव में है: शाह
नई दिल्ली/पटना/दक्षिण भारत। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार जनसंवाद रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। शाह ने कहा कि भारत की राजनीति के इतिहास में पहली वर्चुअल रैली में उपस्थित बिहार के सभी कार्यकर्ता भाइयों और बहनों का भाजपा की ओर से स्वागत करता हूं।
शाह ने कहा कि आजादी के बाद जब कांग्रेस पार्टी की नेता इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र का गला घोंटने का प्रयास किया तब बिहार की जनता ने ही जेपी आंदोलन करके फिर से लोकतंत्र को स्थापित करने का काम किया था।शाह ने कहा कि बिहार की धरती ने ही पहली बार दुनिया को लोकतंत्र का अनुभव कराया, जहां महान मगध साम्राज्य की नींव डाली गई। इस भूमि ने हमेशा भारत का नेतृत्व किया है। शाह ने कहा कि इस रैली का चुनाव से कोई संबंध नहीं है। भाजपा लोकतंत्र में विश्वास रखती है।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में हम जन संपर्क के अपने संस्कार को भुला नहीं सकते। मैं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्षजी को बधाई देता हूं कि 75 वर्चुअल रैली के माध्यम से उन्होंने जनता से जुड़ने का मौका दिया है।
विपक्ष पर साधा निशाना
शाह ने कहा कि आज जब मैं वर्चुअल रैली के माध्यम से आपसे संवाद कर रहा हूं तब कुछ लोगों ने अभी थाली बजाकर इस रैली का स्वागत किया है। मुझे अच्छा लगा कि देर-सवेर मोदीजी की अपील को उन्होंने माना।
शाह ने कहा कि जो वक्रद्रष्टा लोग इसमें भी राजनीति देखते हैं, उन्हें मैं कहता हूं कि किसने उन्हें रोका है, दिल्ली में बैठकर मौज करने की जगह, दिल्ली से लेकर पटना और दरभंगा की जनता को जोड़ने के लिए एक वर्चुअल रैली ही कर लेते।
जनता का हौसला बुलंद करने की रैली
शाह ने कहा कि यह राजनीतिक दल के गुणगान की रैली नहीं है। यह रैली जनता को कोरोना के खिलाफ जंग में जोड़ने और उनके हौसले बुलंद करने के लिए है। साल 2014 में मोदीजी ने कहा था कि भारत का विकास जो अब तक चला, उसमें पश्चिमी भारत और पूर्वी भारत के विकास में बहुत बड़ा अंतर है।
शाह ने कहा कि आजादी के समय जीडीपी के अंदर पूर्वी भारत का योगदान बहुत ज्यादा होता था, परंतु आजादी के बाद से जिस प्रकार से सरकारें चलीं, उन्होंने पूर्वी भारत के विकास से मुंह मोड़ लिया था और परिणाम यह आया कि पूर्वी भारत पिछड़ता गया।
करोड़ों गरीबों के जीवन में प्रकाश का प्रयास
शाह ने कहा कि मोदीजी ने छह साल के अंदर करोड़ों गरीबों के जीवन में प्रकाश लाने का एक प्रयास किया है जिसका सबसे बड़ा फायदा अगर किसी को हुआ है तो वो मेरे पूर्वी भारत के लोगों को हुआ है।
शाह ने कहा कि आवास, बिजली, बैंक खाते, स्वास्थ्य सेवाएं, गैस सिलेंडर, शौचालय; ये सब तो मोदी सरकार 2014-2019 तक के कार्यकाल में ही दे चुकी थी। 2019 में मोदीजी ने जल शक्ति मंत्रालय गठित करके देश के 25 करोड़ लोगों के घर में नल से शुद्ध जल पहुंचाने की योजना शुरू की।
शाह ने कहा कि राहुल गांधी हमेशा कहते थे कि किसानों का कर्ज माफ करो। दस साल उनकी सरकार रही थी, तो वो दावा करते हैं कि करीब 3 करोड़ किसानों का 60 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया।
शाह ने कहा कि मोदीजी ने किसान सम्मान निधि के माध्यम से 9.5 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 72,000 करोड़ रुपए हर साल डालने की व्यवस्था की। उन्होंने कहा कि आरसीईपी की चर्चा कांग्रेस शुरू करके गई थी। इसकी वजह से छोटे किसान, मछुआरे, छोटे कारोबारी, छोटे उद्योग ये सब तबाह हो जाते। मोदीजी ने छोटे किसानों, छोटे व्यापारियों के हित में दृढ़ता से फैसला लेते हुए आरसीईपी समझौते से भारत को अलग कर लिया।
हर कहीं दिखा मोदी की अपील का असर
शाह ने कहा कि कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक प्रोपेगेंडा कहा, मगर जो कह रहे हैं उनको ये मालूम नहीं है कि ये राजनीतिक प्रोपेगेंडा नहीं है बल्कि ये देश को एक बनाने की मुहिम है। उन्होंने कहा, चाहे उन्होंने थाली और घंटी बजाने को कहा, चाहे दीया जलाने को कहा, चाहे सेना के जवानों द्वारा आकाश से कोरोना वॉरियर्स पर फूल बरसाने की बात हो, ये सब मोदीजी की अपील ही थी।
शाह ने कहा कि जनता कर्फ्यू भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के अंदर स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा कि देश के एक नेता की अपील पर कोई पुलिस बल प्रयोग किए बगैर पूरे देश ने घर के अंदर रहकर उस अपील का सम्मान किया। देश की 130 करोड़ जनता मोदीजी के साथ कोरोना की लड़ाई में चट्टान की तरह खड़ी है।
मैं आज इस मंच से कहना चाहता हूं कि देश का कोई भी हिस्सा चाहे मुंबई, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु हो, जो विकसित है इसकी नींव में जाएंगे तो मेरे बिहार के प्रवासी मजदूर के पसीने की महक आती है। बिहार के व्यक्ति का पसीना इस देश के विकास की नींव में है। कोरोना महामारी के बाद मोदीजी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा कि सभी जगह प्रवासी मजदूरों को सम्मान से रखा जाए और उनके लिए 11 हजार करोड़ रुपए राज्यों को दिए।
करीब 1.25 करोड़ प्रवासी मजदूरों को हजारों ट्रेनों के माध्यम से उनके घरों तक पहुंचाया।
उनके लिए भोजन की व्यवस्था की गई, पीने के पानी की व्यवस्था की गई। उनके गृह राज्यों में क्वारंटाइन की व्यवस्था की गई।
एक देश-एक राशन कार्ड
मोदीजी ने निर्णय लिया कि ‘एक देश-एक राशन कार्ड’। बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा के मजदूर देश के कई हिस्सों में काम करते हैं। इससे अब श्रमिक भाई-बहन अपने हिस्से का राशन, देश में कहीं पर भी हों वहां से ले सकेंगे।
शाह ने कहा कि नीतीशजी और सुशीलजी दोनों प्रसिद्धि करने में थोड़े से कच्चे हैं। वो रोड पर खड़े होकर थाली नहीं बजाते हैं, वो चुपचाप सहायता के लिए काम करने वाले लोग हैं। नीतीशजी और सुशीलजी के नेतृत्व में बिहार सरकार ने बहुत अच्छे से ये लड़ाई लड़ी है।
शाह ने कहा कि बिहार के लिए जो 1.25 लाख करोड़ रुपए का पैकेज हमने दिया था तो उसे हमने वास्तविकता में बदलने का काम किया है। मैं परिवारवादी लोगों को आज कहता हूं कि अपना चेहरा आईना मैं देख लीजिए, 1990-2005 इनके शासन में बिहार की विकास दर 3.19 प्रतिशत थी। आज नीतीशजी के नेतृत्व में ये 11.3 प्रतिशत तक विकास दर पहुंचाने का काम एनडीए की सरकार ने किया है।
शाह ने कहा कि भाजपा की शक्ति संगठन है। मैं भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूं कि ये मोदीजी का आह्वान है कि जब तक कोरोना के खिलाफ लड़ाई चल रही है तब तक ‘सेवा ही हमारा संगठन’ है। इस मंत्र के साथ हर जरूरतमंद की सेवा करें, जागरूक करें।


