अक्षय के सवालों का मोदी ने कुछ ऐसे दिया जवाब, जानिए रोचक बातें
अक्षय के सवालों का मोदी ने कुछ ऐसे दिया जवाब, जानिए रोचक बातें
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभिनेता अक्षय कुमार को दिए एक साक्षात्कार में अपने जीवन से जुड़े विभिन्न सवालों के जवाब दिए। इस दौरान उन्होंने बचपन की यादों, सपनों से लेकर देश-दुनिया के दिग्गज राजनेताओं के बारे में बातें कीं।
आम पसंद हैंमोदी ने कहा कि मैं आम खाता हूं और मुझे आम पसंद भी है। वैसे जब मैं छोटा था तो हमारे परिवार की स्थिति ऐसी नहीं थी कि खरीद कर खा सकें, लेकिन हम खेतों में चले जाते थे और वहां पेड़ के पके आम खाते थे।
कभी नहीं आया पीएम बनने का विचार
मोदी ने कहा कि कभी मेरे मन में प्रधानमंत्री बनने का विचार नहीं आया और सामान्य लोगों के मन में ये विचार आता भी नहीं हैं। मेरा जो फैमिली बैकग्राउंड हैं उसमें मुझे कोई छोटी नौकरी मिल जाती तो मेरी मां उसी में पूरे गांव को गुड़ खिला देती।
फौज के जवानों को सैल्यूट
मोदी ने कहा कि बचपन में मेरा स्वाभाव था किताबें पढ़ना, बड़े बड़े लोगों का जीवन पढ़ता था। कभी फ़ौज वाले निकलते थे तो बच्चों की तरह खड़ा होकर उन्हें सेल्यूट करता था। उन्होंने कहा कि 1962 की लड़ाई के दौरान मेहसाणा स्टेशन पर जब जवान जाते थे तो मैं भी चला जाता था। मन को खुशी होती थी। गुजरात में सैनिक स्कूल के बारे में जानना और उसमें भर्ती होने की मेरी इच्छा थी। उन्होंने कहा कि हमारे मोहल्ले में एक प्रिंसिपल रहते थे। मैं उनके पास चला गया। मैं कभी भी बड़े आदमी से मिलने से पहरेज नहीं करता था। मैंने कभी नहीं सोचा था कि प्रधानमंत्री बनूंगा।
किसी को नीचा दिखाने का काम नहीं करता
प्रधानमंत्री ने कहा कि इतने लम्बे समय तक मुख्यमंत्री रहा लेकिन मुझे कभी गुस्सा व्यक्त करने का अवसर नहीं आया। उन्होंने कहा कि मैं सख्त हूं, अनुशासित हूं लेकिन कभी किसी को नीचा दिखाने का काम नहीं करता। अक्सर कोशिश करता हूं कि किसी काम को कहा तो उसमें खुद इन्वॉल्व हो जाऊं। सीखता हूं और सिखाता भी हूं और टीम बनाता चला जाता हूं।
छोटी उम्र में छोड़ा घर
मोदी ने कहा कि अगर मैं प्रधानमंत्री बनकर घर से निकला होता, तो मेरा मन रहता कि सब वहीं रहें। लेकिन मैंने बहुत छोटी उम्र में घर छोड़ दिया था और इसलिए लगाव, मोह—माया सब मेरी ट्रेनिंग के कारण छूट गया।
काम के वक्त काम
मोदी ने कहा कि मेरे आसपास एक वर्क कल्चर डेवलप होता है। मैंने ह्यूमन रिसॉर्स डेवलपमेंट में ही जिंदगी खपाई है। हां, मैं काम के वक्त काम में रहता हूं। समय नहीं खराब करता हूं। मैं कभी किसी से मिलता हूं तो मेरा कभी कोई फोन नहीं आता है। मैंने जीवन को ऐसा अनुशासित बनाया है।
ममता दीदी भेजती हैं कुर्ते
मोदी ने कहा कि गुलाम नबी आजाद मेरे अच्छे दोस्त हैं। जब भी मिलते हैं बहुत अच्छे से मिलते हैं। ममता दीदी साल में आज भी मेरे लिए एक-दो कुर्ते भेजती हैं। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीनाजी साल में तीन-चार बार खासतौर पर ढाका से मिठाई भेजती हैं। ममता दीदी को पता चला तो वो भी साल में एक-दो बार मिठाई जरूर भेज देती हैं।
सीएम बने तब नहीं था बैंक खाता
मोदी ने बताया कि जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री बना तो मेरा बैंक अकाउंट नहीं था। जब एमएलए बना तो सैलरी आने लगी। स्कूल में देना बैंक के लोग आए थे। उन्होंने बच्चों को गुल्लक दिया और कहा कि इसमें पैसे जमा करें और बैंक में जमा कर दें। लेकिन हमारे पास होता तब तो डालते। तब से अकाउंट यूं ही पड़ा रहा।
सुनाया चुटकुला
मोदी ने कहा कि हमारे यहां एक चुटकुला चलता है। एक बार स्टेशन पर एक ट्रेन आई तो ऊपर लेटे हुए एक यात्री ने पूछा कि कौनसा स्टेशन आया है? तो बताने वाले ने कहा कि 4 आना दोगे तो बताऊंगा, वो यात्री बोला— भाई बताने की जरुरत नहीं है। मैं समझ गया, अहमदाबाद आ गया है।
पार्टी के नाम कर दिया प्लॉट
मोदी ने कहा कि सरकार की तरफ से एक प्लॉट मिलता है, कुछ कम दाम में मिलता है। फिर मैंने वो पार्टी को दे दिया। हालांकि कुछ नियम हैं जिस पर सुप्रीम कोर्ट में मामला है। जैसे ही वह क्लीयर होगा, प्लॉट मैं पार्टी के नाम कर दूंगा।
अगर मिल जाए अलाद्दीन का चिराग!
अगर मुझे अलाद्दीन का चिराग मिल जाए तो मैं उसे कहूंगा कि ये जितने भी समाजशास्त्री और शिक्षाविद् हैं, उनके दिमाग में भर दो कि वो आने वाली पीढ़ियों को ये अलाद्दीन के चिराग वाली थ्योरी पढ़ानी बंद कर दें। उन्हें मेहनत करने की शिक्षा दें।
प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा
मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री बनते समय शायद और प्रधानमंत्रियों को ये बेनिफिट नहीं मिला है जो मुझे मिला है, वो ये है कि मैं गुजरात का इतने समय तक मुख्यमंत्री रहा और उस पद पर रहते हुए आपको बारीकियों से काम करना पडता है, मुद्दे आपके सामने सीधे आते हैं और उनका समाधान भी आपको सीधा ही करना पड़ता है। मैं समझता हूं कि इससे मुझे प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने में बहुत सहायता मिली।
जो दायित्व मिलता है, करता जाता हूं
मोदी ने कहा कि हम लोगों की एक इनर सर्कल की मीटिंग थी। अटलजी, आडवाणीजी, राजमाता सिंधियाजी, प्रमोद महाजनजी थे। उसमें सबसे छोटी आयु का मैं था। उसमें ऐसे ही बात छिड़ी कि रिटारटमेंट के बाद क्या करेंगे। मुझे पूछा तो मैंने कहा, मेरे लिए तो बहुत कठिन है। मुझे जो जिम्मेवारी मिलती है, वही करता जाता हूं। उन्होंने कहा कि जीवन का पल-पल और शरीर का कण-कण किसी ने किसी मिशन में ही लगा रहने वाला है मेरा। मेरे पास इसके सिवाय कोई कौशल ही नहीं है।
देखते हैं ट्विटर अकाउंट
मोदी ने कहा कि मैं सोशल मिडिया जरूर देखता हूं। इससे मुझे बाहर क्या चल रहा है इसकी जानकारी मिलती है। मैं आपका भी और ट्विंकल खन्नाजी का भी ट्विटर देखता हूं और जिस तरह वो मुझ पर गुस्सा निकालती हैं तो मैं समझता हूं कि इससे आपके परिवार में बहुत शांति रहती होगी। मैंने आपकी ‘टॉयलेट एक प्रेमकथा’ नाम की आपकी फिल्म देखने के लिए लोगों को कहा था, क्योंकि वो एक सामाजिक मुद्दे पर बनी फिल्म थी। हमारे देश में बीमारी सबसे बड़ा मुद्दा है और उससे बचने के दो ही तरीके हैं स्वच्छता और फिटनेस।
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