उप्र-बिहार के प्रवासियों पर कमलनाथ के बयान से गरमाई सियासत, क्षेत्रवाद का आरोप
उप्र-बिहार के प्रवासियों पर कमलनाथ के बयान से गरमाई सियासत, क्षेत्रवाद का आरोप
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को शपथ लेने के कुछ ही देर बाद किसानों का कर्ज माफ करने समेत जो अहम फैसले लिए वे चर्चा में हैं। वहीं उनके एक बयान पर विवाद शुरू हो गया है। कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में नौकरियों को बढ़ावा देने के लिए जो ऐलान किया है, उसके मुताबिक कारोबारियों को सब्सिडी का लाभ तभी मिलेगा जब वे अपने यहां 70 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को देंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने जो बयान दिया, उससे नया विवाद खड़ा हो गया है।
कमलनाथ ने प्रेस वार्ता में कहा था कि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों के लोग यहां आते हैं, लेकिन स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं मिल पाती। मैंने इसके लिए फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि हमने स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के मकसद से यह पहला कदम उठाया है। उन उद्योगों को ही प्रमोट किया जाएगा, जो सूबे के लोगों को रोजगार में प्राथमिकता देंगे।उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासियों पर कमलनाथ के बयान से सियासत गरमा गई है। इस संबंध में बिहार भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय ने ट्वीट कर कमलनाथ के बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि सत्ता में आए अभी दो दिन ही हुए कि कांग्रेस पार्टी का अहंकार नजर आने लगा है। उसका मूल चरित्र खोल से बाहर आने लगा है। कांग्रेस ने सत्ता संभालते ही मध्यप्रदेश में क्षेत्रवाद का बीज बोना शुरू कर दिया।
इसके अलावा जदयू ने कहा है कि कांग्रेस की हालत बिहार और उत्तर प्रदेश में ठीक नहीं है। इससे वह यहां के लोगों से दुश्मनी निकाल रही है। बता दें कि इसी साल अक्टूबर में गुजरात में भी उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के साथ हिंसक घटनाएं हुई थीं। उस समय गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी की भूमिका पर कई सवाल उठे थे। अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के इस बयान पर लोगों ने उनका विरोध शुरू कर दिया है।
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