संस्कारों के साथ सुधार

अब भारतीय संस्कारों के साथ सुधारों का सिलसिला आगे बढ़ना चाहिए

संस्कारों के साथ सुधार

जितनी लंबी तपस्या होगी, सिद्धि भी उतनी बड़ी होगी

गणतंत्र दिवस का सूर्योदय ... नई ऊर्जा ... नई उम्मीदों ... नए संकल्पों का दिन! समस्त देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। यह गणतंत्र दिवस कई मायनों में अनूठा है। अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा होने के बाद देशवासियों में यह भावना बलवती होती जा रही है कि अब भारतीय संस्कारों के साथ सुधारों का सिलसिला आगे बढ़ना चाहिए। हाल के वर्षों में देश ने कई तरह के सुधार देखे हैं। तीन तलाक की प्रथा पर पाबंदी लगाई गई, जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 से मुक्ति मिली। अब सामाजिक समानता स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ाना होगा। यह समान नागरिक संहिता लागू किए बिना संभव नहीं है। वहीं, पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार और अन्य देशों से अवैध ढंग से आकर बसे लोगों का हिसाब-किताब रखना जरूरी है। आखिर, हमें पता तो चले कि हमारे देश में कौन व्यक्ति, कब, कहां से और किस उद्देश्य से आया और कहां रह रहा है! उनमें से जो उत्पीड़ित व शोषित हैं, उनकी समस्याओं को समझना होगा, उन्हें राहत देनी होगी। जबकि, यहां घुसपैठ कर संसाधनों पर कब्जे की नीयत से आने वालों के प्रति सख्ती दिखानी होगी। अतीत में हमसे कुछ ग़लतियां हुईं, जिनके कारण हमें विदेशी आक्रांताओं की अधीनता में रहना पड़ा था। उस कालखंड में हमारी संस्कृति और समाज पर आघात से जो घाव हुए, उन पर ‘भारतीयता’ की औषधि लगानी होगी। भारत की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक परंपराओं के उत्थान को गति देनी होगी। भारत को विदेशी चश्मे से नहीं, दिव्य दृष्टि से देखना होगा। इसके लिए ज़रूरी है कि हम अपनी शक्ति व सामर्थ्य को पहचानें। शिक्षा, चिकित्सा, न्याय, कृषि, प्रशासन, सुरक्षा, तकनीक ... हर क्षेत्र का ‘भारतीयकरण’ करना होगा। इंटरनेट पर भारतीय भाषाओं का प्रसार होना चाहिए। आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, योग, वैदिक गणित आदि के प्रचार-प्रसार के लिए और बड़े स्तर पर प्रयास करने होंगे।

Dakshin Bharat at Google News
हमें याद रखना है कि विदेशी आक्रमणों के कारण हम पिछले एक हज़ार वर्षों में कितने मंदिरों, कितने शिक्षा केंद्रों और कितनी धरोहरों से वंचित हुए! हमें हिंगलाज की घंटियां पुकार रही हैं। तक्षशिला के कक्ष व पुस्तकालय और खैबर पख्तूनख्वा के ध्यान केंद्र हमारी प्रतीक्षा कर रहे हैं। नीलम घाटी स्थित शारदा पीठ में दिव्य ज्योति जलानी है। ननकाना साहिब के दर्शन में आने वाली बाधाओं को दूर करना है। निस्संदेह यह काम आसान नहीं है। इसमें समय भी लगेगा, लेकिन हमें अपनी नीति और नीयत से नहीं डिगना है। प्रभु श्रीराम को उनकी जन्मभूमि पर पुनः मंदिर बनाकर विधिपूर्वक विराजमान कराने में लगभग पांच सौ साल लग गए, जबकि यह स्थान तो हमारी अपनी भौगोलिक सीमाओं में है! संकीर्णता विचारों में हो या देश की ‘सीमाओं’ में, उसका परिणाम शुभ नहीं होता। आज विश्व में जिस तरह की (प्रशासनिक, तकनीकी, आर्थिक) व्यवस्था है, उसमें भारत के लिए अपार अवसर हैं। हमें अध्यात्म, शिक्षा, व्यवसाय, तकनीक आदि से विश्व में भारत की पताका फहरानी है, संकीर्णताओं को दूर करना है। हां, इसका उद्देश्य सबका कल्याण होना चाहिए। आज पूरा विश्व हमारे देश को अत्यंत आशा के साथ देख रहा है। कोरोना काल में विकट परिस्थितियों से जूझते हुए हमारे वैज्ञानिकों ने वैक्सीन बनाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा दिया था। जिस ब्रिटेन ने कभी भारतवासियों को गुलामी की जंजीरों में जकड़ा था, हमने उसे अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में पछाड़ दिया। हमें शक्ति व संसाधनों से समृद्ध होते हुए विनम्र रहना है। न किसी से प्रतिशोध लेना है और न ही किसी को लज्जित करना है। हमें अपने ज्ञान, विवेक, बुद्धि, शक्ति व सामर्थ्य से उन समस्याओं का समाधान करना है, जो विश्व के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई हैं। जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण, असमानता, असहिष्णुता, भ्रष्टाचार ... जैसी समस्याओं से निपटने के लिए भारत बड़ी मिसाल बन सकता है। पिछली सदी में जो भारत से हटकर अलग पहचान बनाना चाहते थे, वे समझ चुके हैं कि उनका प्रयोग पूरी तरह विफल हो चुका है। आज सोशल मीडिया के ज़माने में नई पीढ़ी सब देख रही है। जब वह देखेगी, जानेगी कि भारत हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है और उसकी सभी समस्याओं का समाधान भारतीय सभ्यता व संस्कृति में है तो कृत्रिमता के बंधन हटेंगे। उस दिन हमारे लिए वह सबकुछ पाने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा, जो हमने कभी खोया था। इसके लिए प्रत्येक भारतीय को अपने स्तर पर देश को सशक्त, समृद्ध और विकसित बनाने के प्रयास करने होंगे। कितना समय लगेगा, यह सोचकर निराश नहीं होना है। जितनी लंबी तपस्या होगी, सिद्धि भी उतनी बड़ी होगी।

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

गांदरबल हमला: व्यापक तलाशी अभियान का आगाज, सबूत ढूंढ़ने में जुटे एनआईए के अधिकारी गांदरबल हमला: व्यापक तलाशी अभियान का आगाज, सबूत ढूंढ़ने में जुटे एनआईए के अधिकारी
Photo: NIA
हिज़्बुल्लाह ने इज़राइल के हर्मीस-900 ड्रोन को मार गिराने का दावा किया
ये पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोले- 'यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थ बनने के लिए भारत के पास है विश्वसनीयता'
जब तक आतंकी हमले बंद न करे पाक, न हो उसके साथ कोई बातचीत: फारूक अब्दुल्ला
उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक को कक्षा 8 से 10 की अर्धवार्षिक परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने से रोका
निर्दोष नागरिकों की हत्या करना और हिंसा फैलाना अपराध हैं: प्रियंका वाड्रा
डिजिटल मंच और राष्ट्रीय सुरक्षा