आवाज़ उठाएं
पाकिस्तान में आतंकी तत्त्व तो धमाके करते ही रहते थे, अब डकैत भी उनके नक़्शे-क़दम पर चल पड़े हैं
पाकिस्तानी हिंदुओं के लिए आशा की एकमात्र किरण भारत है
पाकिस्तान के सिंध स्थित काशमोर में डकैतों के एक गिरोह द्वारा हिंदू मंदिर पर हमले की घटना अत्यंत निंदनीय है। वहां हिंदू समुदाय के पवित्र स्थलों पर हमलों को लेकर अपराधी कितने बेखौफ हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उक्त घटना में रॉकेट लॉन्चरों के इस्तेमाल की बात सामने आई है।
पाकिस्तान में आतंकी तत्त्व तो धमाके करते ही रहते थे, अब डकैत भी उनके नक़्शे-क़दम पर चल पड़े हैं। ऐसा दुस्साहस सरकार, सेना और एजेंसियों के आशीर्वाद के बिना पैदा नहीं होता है। जब से सीमा-सचिन प्रेम-प्रसंग सामने आया है, पाकिस्तान में कट्टरपंथियों द्वारा हिंदू समुदाय को धमकियां दी जा रही हैं। उन्होंने भारत में आतंकी हमले की धमकी से लेकर पाक में रहने वाले हिंदुओं, उनके मंदिरों को निशाना बनाने की बात कही थी।सीमा-सचिन मामला भारत में न्यायालय के समक्ष आ चुका है, एजेंसियां जांच कर रही हैं। सीमा और उसके बच्चे यहां रहेंगे या वापस पाक भेजे जाएंगे, इसका उचित निर्णय मामले के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए होगा। भारत में यह मामला प्रकाश में आते ही पुलिस तुरंत सक्रिय हो गई थी, जबकि पाक में कट्टरपंथियों, डकैतों की धमकियों के बावजूद पुलिस और एजेंसियां निष्क्रिय नजर आईं।
क्या उन्होंने यह पहले ही तय कर लिया था कि अगर हिंदू समुदाय के पवित्र स्थलों पर हमले होते हैं तो होने दिए जाएं? पाक में हर साल सैकड़ों मासूम हिंदू बालिकाओं के अपहरण और जबरन धर्मांतरण में लिप्त मियां मिट्ठू और उसके समर्थक धमकी दे चुके थे कि हिंदुओं के पूजा स्थलों पर हमले किए जाएंगे। उसके बाद पाक सरकार ने सावधानी के तौर पर कदम क्यों नहीं उठाए?
पूरे पाकिस्तान में हिंदू मंदिर गिनती के बचे हैं। वर्ष 1947 से पहले के कई मंदिरों पर अवैध कब्जे हो चुके हैं। उन पर मकान, दुकान, शॉपिंग मॉल आदि बन गए हैं। बाकी मंदिरों पर भी कट्टरपंथियों की नजर है। वे उनकी जमीन हड़पना चाहते हैं। इसके लिए सबसे पहले हिंदू समुदाय को धमकियां दी जाती हैं। उन पर हमले कर खौफ पैदा किया जाता है। फिर फर्जी कागजात बनवाकर संबंधित जमीन को अपने नाम करवा लिया जाता है।
अगर हिंदू पक्ष विरोध के तौर पर अदालत जाता है तो वहां उसे निराशा ही हासिल होती है। इस तरह मंदिर की जमीन हड़पने की कोशिश में पूरा तंत्र हिंदुओं के खिलाफ काम करता है। सिंध के कई गांवों में यह कहानी दोहराई जा चुकी है।
पाकिस्तान के कराची शहर में शनिवार सुबह जब हिंदू समुदाय के लोग उठे तो मालूम हुआ कि सोल्जर बाजार स्थित पुराना मारी माता मंदिर भी जमींदोज कर दिया गया है! डेढ़ सौ साल से ज्यादा पुराना यह मंदिर कई पीढ़ियों से हिंदू समुदाय की आस्था का केंद्र था। उसे ढहाने से हिंदू समुदाय आक्रोशित है, लेकिन वह अपने अधिकारों के लिए आवाज तक नहीं उठा सकता। कहा जा रहा है कि अब इस मंदिर की जमीन पर शॉपिंग मॉल बनाया जाएगा। इसके लिए एक बिल्डर का प्रशासन से सौदा पक्का हो चुका है।
इस घटना को अंजाम देने में प्रशासन पूरी तरह उसका ही साथ दे रहा है। शुक्रवार रात जब मजदूरों और बुलडोजर को यहां लाया गया तो सबसे पहले इलाके की बिजली काट दी गई, ताकि किसी को खबर न हो। साथ ही पुलिस की एक टीम मौके पर तैनात कर दी गई थी। अगर हिंदू समुदाय विरोध करता तो उस पर बल-प्रयोग किया जाता।
पिछले साल जून में इस मंदिर में देवी-देवताओं की प्रतिमाएं खंडित कर दी गई थीं। इसके बावजूद पाक सरकार की ओर से सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया गया था। अगर इंतजाम कर भी दिया जाता, तो कुछ नहीं होता, क्योंकि वहां 'रक्षक' ही 'भक्षक' बने हुए हैं। इस मामले में क्या डकैत और क्या पुलिस, सब एक जैसे हैं। पाकिस्तानी हिंदुओं के लिए आशा की एकमात्र किरण भारत है। भारतवासियों को चाहिए कि वे इस जुल्म के खिलाफ हर मंच से आवाज़ उठाएं।