श्रद्धा हत्याकांड: पुलिस की पूछताछ के दौरान आफताब को नहीं हुआ कोई पछतावा!

दोनों के बीच वित्तीय मामलों को लेकर अक्सर लड़ाई होती थी

श्रद्धा हत्याकांड: पुलिस की पूछताछ के दौरान आफताब को नहीं हुआ कोई पछतावा!

शव के अब तक बरामद 13 हिस्सों के डीएनए विश्लेषण के लिए वालकर के पिता के रक्त के नमूने भी एकत्र किए गए हैं

नई दिल्ली/मुंबई/भाषा। दिल्ली पुलिस महरौली हत्या मामले में आरोपी आफताब अमीन पूनावाला का ‘नार्को टेस्ट’ कराना चाहती है। वहीं, छतरपुर के जंगली इलाके में लगातार दूसरे दिन पुलिस ने पूनावाला की ‘लिव-इन-पार्टनर’ श्रद्धा वालकर के शव के शेष हिस्सों की तलाश की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

पुलिस ने कहा कि दोनों के बीच वित्तीय मामलों को लेकर अक्सर लड़ाई होती थी और आशंका है कि 18 मई की शाम दोनों के बीच कहासुनी हुई होगी, जिसके बाद पूनावाला ने श्रद्धा (27) की हत्या कर दी। जांचकर्ताओं के अनुसार, पूनावाला अपने बयान बदल रहा है और जांच में सहयोग नहीं कर रहा है, लिहाजा ‘नार्को टेस्ट’ की जरूरत है। शव के अब तक बरामद 13 हिस्सों के डीएनए विश्लेषण के लिए वालकर के पिता के रक्त के नमूने भी एकत्र किए गए हैं।

पुलिस के अनुसार, पूनावाला ने कथित तौर पर श्रद्धा का गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद उसके शव के 35 टुकड़े करके दक्षिण दिल्ली के महरौली में अपने घर पर लगभग तीन सप्ताह तक 300 लीटर के फ्रिज में रखा और कई दिनों तक विभिन्न हिस्सों में फेंकता रहा।

पुलिस ने कहा कि वालकर का सिर, फोन और अपराध में इस्तेमाल हथियार अब तक बरामद नहीं हुआ है। आशंका है कि पूनावाला ने उसे पहले भी मारने की कोशिश की थी और इसकी जांच की जा रही है। पूनावाला को बृहस्पतिवार को साकेत कोर्ट में पेश किया जाएगा और पुलिस उसकी हिरासत मांगेगी।

पुलिस अधिकारियों ने यह भी कहा कि पूछताछ के दौरान उसमें पश्चाताप के कोई संकेत नहीं दिखे। पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान, पूनावाला और वालकर के तनावपूर्ण संबंधों के बारे में अधिक जानकारी सामने आई है। दोस्तों और परिवार ने आरोप लगाया है कि महिला उससे नाखुश थी और वित्तीय मामलों व बेवफाई के संदेह को लेकर उनके बीच अक्सर झगड़े होते थे।

पुलिस ने यह भी पाया कि 22 मई के बाद, 54,000 रुपए वालकर के बैंक खाते से पूनावाला को हस्तांतरित किए गए थे और जांचकर्ता दोनों के बीच सोशल मीडिया पर हुई बातचीत की भी जांच कर रहे हैं।

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि वालकर पूनावाला पर मुंबई वाले घर से अपना सारा सामान लाने के लिए जोर डाल रही थी, लेकिन दोनों के पास मुंबई वापस जाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे। इससे उनके बीच और तनाव पैदा हो गया।

अधिकारी ने कहा, ‘पुलिस छतरपुर इलाके में एक सीसीटीवी कैमरे से कुछ फुटेज बरामद करने में कामयाब रही है। फुटेज में संदिग्ध की हरकतें दिख रही हैं, लेकिन स्पष्ट नहीं हैं। दृश्यों को आपस में जोड़ने और पूनावाला द्वारा इस्तेमाल किए गए रास्ते का पता लगाने के लिए सीसीटीवी मैपिंग का इस्तेमाल किया जाएगा।’

उन्होंने कहा कि मई से अब तक के सभी सीसीटीवी फुटेज का पता लगाना और उसे हासिल करना मुश्किल होगा क्योंकि ज्यादातर सिस्टम में स्टोरेज क्षमता नहीं है। पुलिस ने कहा कि जहां तक सबूतों का सवाल है तो कुछ हड्डियां और एक बैग बरामद किया गया है, जिसके बारे में माना जा रहा है कि यह वालकर के हैं। बैग में कपड़े व अन्य सामान है।

इस बीच, एक अधिकारी ने बुधवार को जानकारी दी कि दिल्ली पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद महाराष्ट्र के पालघर जिले के वसई की पुलिस से संपर्क नहीं किया है।

दिल्ली स्थानांतरित होने से पहले वालकर वसई के पास रहती थी। मीरा-भाईंदर वसई विरार (एमबीवीवी) पुलिस के अधिकारी ने कहा कि पूनावाला को पिछले शनिवार को गिरफ्तार किए जाने के बाद उनके और दिल्ली पुलिस के बीच कोई संवाद नहीं हुआ।

अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘वसई से मानिकपुर थाने की एक टीम आठ से 12 नवंबर के बीच दिल्ली में मौजूद थी और उसने महरौली पुलिस के साथ समन्वय किया। हमने उन्हें गुमशुदगी की शिकायत सहित सभी विवरण प्रदान किए। हालांकि, मामले का खुलासा होने और आरोपी को गिरफ्तार किए जाने के बाद कोई संपर्क नहीं हुआ है।’

पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘चूंकि यह घटना दिल्ली में हुई थी और आरोपी को वहीं गिरफ्तार किया गया, ऐसे में हम उनकी जांच में हस्तक्षेप नहीं कर सकते।’ अधिकारी ने कहा, ‘अगर उन्हें किसी भी सहायता की आवश्यकता होती तो हम इसे प्रदान करने के लिए तैयार हैं। लेकिन, दिल्ली पुलिस की तरफ से (पूनावाला की गिरफ्तारी के बाद) कोई संवाद नहीं हुआ है।’

वहीं, एक सामाजिक कार्यकर्ता ने दावा किया है कि कॉल सेंटर में काम करने वाली श्रद्धा वालकर को पूनावाला पर धोखा देने का शक था। वालकर के साथ मुंबई के एक समुद्र तट पर सफाई अभियान में शामिल हो चुकीं सामाजिक कार्यकर्ता श्रेहा धरगलकर ने बताया कि श्रद्धा सफाई अभियान के दौरान काफी शांत और गुमसुम रहती थीं।

एनजीओ की संचालिका श्रेहा ने कहा कि वालकर के सामने आर्थिक परेशानियां भी थी और उसकी आफताब से अक्सर लड़ाई होती रहती थी।

Google News

About The Author

Post Comment

Comment List

Advertisement

Latest News