छात्रों के लिए सामुदायिक सेवा अनिवार्य की जानी चाहिए: नायडू

छात्रों के लिए सामुदायिक सेवा अनिवार्य की जानी चाहिए: नायडू

संत कुरियाकोस इलियास चावरा की पुण्यतिथि के अवसर पर हुए कार्यक्रम में श्ाामिल हुए उपराष्ट्रपति


कोट्टायम (केरल)/दक्षिण्ा भारत/ उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को कहा कि सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों के लिए सामुदायिक सेवा अनिवार्य बनाई जानी चाहिए, क्योंकि इससे उनमें एक दूसरे से वस्तुएं साझा करने और दूसरों की देखभाल करने की भावना विकसित होगी।

उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि आज, इस देश के युवाओं में युवावस्था से सेवा की भावना पैदा करने की अत्यंत आवश्यकता है। मेरी सलाह है कि जब यह वैश्विक महामारी समाप्त हो जाएगी और सामान्य स्थिति लौट आएगी, तब सरकारी और निजी स्कूलों को कम से कम दो से तीन सप्ताह के लिए छात्रों के लिए सामुदायिक सेवा अनिवार्य बना देनी चाहिए। नायडू ने केरल में कैथोलिक समुदाय के एक आध्यात्मिक नेता और समाज सुधारक संत कुरियाकोस इलियास चावरा की 150वीं पुण्यतिथि के अवसर पर निकटवर्ती मन्नानम में आयोजित एक समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने कहा कि स्कूली स्तर पर युवाओं में सेवा की भावना पैदा करने से उनमें वस्तुओं को साझा करने और दूसरों की देखभाल करने की भावना पैदा होगी।

नायडू ने कहा, 'वास्तव में, वस्तुओं को साझा करने और दूसरों की देखभाल का दर्शन भारत की सदियों पुरानी संस्कृति के मूल में है और इसका व्यापक प्रसार किया जाना चाहिए। हमारे लिए पूरा विश्व एक परिवार है और यही हमारे कालातीत आदर्श 'वसुधैव कुटुम्बकम का अर्थ है। इसी भावना के साथ हमें एक साथ आगे बढ़ना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने महान समाज सुधारक नारायण गुरु और संत चावरा जैसे दूरदर्शी आध्यात्मिक नेताओं के विभिन्न् क्षेत्रों में योगदान पर प्रकाश डालते हुए अन्य राज्यों से शिक्षा, सामाजिक न्याय और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में केरल से प्रेरणा लेने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि विकास के लाभ देश की सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था के सबसे पिछले और गरीब वर्ग के सबसे आखिरी व्यक्ति तक भी पहुंचने चाहिए, जैसा कि दूरदर्शी विचारक, कार्यकर्ता और समाज सुधारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के दर्शन में बताया गया है।नायडू ने कहा कि हालांकि संत चावरा की पहचान और उनकी सोच को उनकी कैथोलिक आस्था के आदर्शों ने आकार दिया, लेकिन सामाजिक और शैक्षणिक सेवा के क्षेत्र में उनके कार्य केवल उस समुदाय की प्रगति और विकास तक ही सीमित नहीं थे। 

Google News
Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

Advertisement