बेंगलूरु/दक्षिण भारत कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव ने स्वीकार किया है कि उत्तर कर्नाटक के वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को राज्य की गठबंधन सरकार में उचित स्थान देने में असफलता मिली है। उन्होंने संकेत दिया है कि जल्दी ही इस गलती को सुधारते हुए पार्टी उचित कदम उठाएगी ताकि इस क्षेत्र को मंत्रिमंडल में जरूरी स्थान मिल सके। गुरुवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में गुंडूराव ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल के अगले विस्तार में इस इलाके के जन प्रतिनिधियों को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा क्योंकि कांग्रेस हमेशा से राज्य के सभी क्षेत्रों के संपूर्ण विकास की मुखर वकालत करती रही है। कांग्रेस और जनता दल (एस) की गठबंधन सरकार में उत्तर कर्नाटक क्षेत्र को उसके अधिकार से वंचित करने की कोशिश नहीं की गई है। गौरतलब है कि उत्तर कर्नाटक से आने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एचके पाटिल और एमबी पाटिल गठबंधन सरकार के गठन के बाद मंत्रिमंडल में वरिष्ठ नेताओं को शामिल नहीं किए जाने का लगातार विरोध करते रहे हैं। दिनेश गुंडूराव ने ऐसे नेताओं के असंतोष को समाप्त करने के लिए स्वीकार किया कि पार्टी के कुछ कद्दावर नेताओं को सरकार गठन के दौरान मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिल सका था लेकिन मंत्रिमंडल के अगले विस्तार के दौरान कांग्रेस की ओर से यह खामी दूर कर ली जाएगी। बहरहाल, उन्होंने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया कि उत्तर कर्नाटक के विभिन्न जिलों में विकास कार्यों के लिए मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी द्वारा वित्त वर्ष २०१८-१९ के लिए विधानसभा से पारित करवाए गए बजट में पर्याप्त वित्तीय आवंटन नहीं किया गया। इस विषय पर पत्रकारों का ध्यान आकर्षित किए जाने पर दिनेश गुंडूराव ने कहा, ’’विभिन्न क्षेत्रों को बजटीय आवंटन जारी करने में किसी भी प्रकार का भेदभाव बजट में नहीं किया गया है। मौजूदा सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरामैया के बजट में इन क्षेत्रों के लिए किए गए प्रावधानों को लागू करने की बात पहले ही कही है। उस बजट में मौजूदा मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कुछ नए प्रस्ताव जो़डे हैं्। जनता दल (एस) के नेता भी उत्तर कर्नाटक के विकास के लिए खुद को प्रतिबद्ध मानते हैं।’’उल्लेखनीय है कि ५ जुलाई को विधानसभा में कुमारस्वामी द्वारा अपना पूर्ण बजट प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद से लगातार इस बात की आलोचना होती रही है कि इसमें उत्तरी कर्नाटक के लिए कोई खास वित्तीय आवंटन नहीं किया गया है। इसके साथ ही उत्तर कर्नाटक के विभिन्न जिलों को इनके हक से वंचित कर पुराने मैसूरु क्षेत्र को तवज्जो देने का आरोप जनता दल (एस) पर लगाया जाता रहा है। यह आरोप लगाने वालों का कहना है कि जनता दल (एस) को पुराने मैसूरु इलाके में हमेशा से अच्छा समर्थन मिलता रहा है, जिस वजह से इस इलाके से खास मोह है।