रूस के कामचटका प्रायद्वीप में आया शक्तिशाली भूकंप

सुनामी की चेतावनी जारी की गई

रूस के कामचटका प्रायद्वीप में आया शक्तिशाली भूकंप

Photo: Google Map

मास्को/दक्षिण भारत। रूस के कामचटका प्रायद्वीप में शनिवार को 6.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके बाद सुनामी की चेतावनी जारी की गई और सभी आपातकालीन सेवाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया। रूसी विज्ञान अकादमी की भूभौतिकीय सेवा ने यह जानकारी दी है।

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आरटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र (सीईएनसी) ने भूकंप की तीव्रता 7.3 मापी, जबकि अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने इसे 7.4 बताया। गवर्नर व्लादिमीर सोलोदोव ने बताया कि क्षेत्रीय राजधानी पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की में आए भूकंप की तीव्रता स्थानीय स्तर पर 4-6 तक पहुंच गई।

सोलोदोव ने टेलीग्राम पर एक बयान में घोषणा की, 'सभी सेवाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया है ... विशेषज्ञों ने तेज झटके के बाद सामाजिक रूप से महत्त्वपूर्ण सुविधाओं और आवासीय भवनों का निरीक्षण शुरू कर दिया है।'

हालांकि अभी तक किसी गंभीर क्षति की सूचना नहीं मिली है। फिर भी अधिकारियों ने निवासियों से, विशेष रूप से तटीय क्षेत्रों में, सतर्क रहने का आग्रह किया है।

गवर्नर ने कहा, 'सुनामी का ख़तरा घोषित कर दिया गया है। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि ख़लकटिर्स्की बीच और अन्य सुनामी-संभावित क्षेत्रों में जाते समय विशेष रूप से सावधान रहें।'

सखालिन में रूस के आपातकालीन मंत्रालय ने कहा कि 0.37 मीटर तक की लहरें सेवेरो-कुरिल्स्की जिले के परमुशीर और शमशु द्वीपों तक पहुंच सकती हैं।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'तट तक पहुंचने वाली लहरें बहुत ऊंची नहीं होंगी, लेकिन तट से दूर रहना ज़रूरी है। सुनामी देखने के लिए तट पर गाड़ी चलाने की कोशिश न करें। यह खतरनाक हो सकता है।'

यह झटका 30 जुलाई को कामचटका में आए 8.8 तीव्रता के ऐतिहासिक भूकंप के बाद आया है, जो सन् 1952 के बाद से इस क्षेत्र में सबसे शक्तिशाली भूकंप था। उस भूकंप ने प्रायद्वीप को लगभग दो मीटर तक विस्थापित कर दिया था। इसकी ऊंचाई के कुछ हिस्सों को कम कर दिया था और जापान तथा अमेरिका के प्रशांत तट तक सुनामी को जन्म दिया था।

उसने भूकंपीय और ज्वालामुखीय गतिविधियों की एक लहर भी पैदा कर दी। क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी 600 वर्षों में पहली बार फटा, जबकि यूरेशिया के सबसे ऊंचे ज्वालामुखियों में से एक, क्लुचेवस्काया सोपका, 70 वर्षों में अपना सबसे शक्तिशाली विस्फोट अनुभव किया। वैज्ञानिकों ने इसके बाद कुल सात सक्रिय ज्वालामुखियों को दर्ज किया, और इसे एक दुर्लभ 'विस्फोट परेड' कहा।

भूकंप के बाद के झटकों के जारी रहने के कारण अधिकारी स्थिति पर कड़ी नज़र रख रहे हैं। सोलोदोव ने निवासियों से 'शांत रहने और केवल आधिकारिक स्रोतों से मिलने वाली जानकारी पर ही ध्यान देने' का आग्रह किया है।

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