जनता के लिए बहुत बड़ी राहत
नागरिकों का जीवन स्तर बेहतर होगा
सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि जीएसटी सुधार धरातल पर दिखाई दें
केंद्र सरकार ने जीएसटी दरों में बदलाव कर आम जनता को बहुत बड़ी राहत दी है। इससे महंगाई काबू में आएगी और लोगों की ज़िंदगी आसान होगी। देशवासी लंबे अरसे से यह उम्मीद कर रहे थे कि सरकार कोई ऐसी घोषणा करे, जिससे आर्थिक मोर्चे पर हालात बेहतर हों। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 15 अगस्त को लाल किले से 'अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार' की घोषणा की थी। अब जीएसटी परिषद ने जिन सुधारों को मंजूरी दी है, वे नागरिकों का जीवन स्तर बेहतर बनाएंगे। इसे दीपावली से पहले एक बड़ा उपहार समझना चाहिए। इन घोषणाओं को लागू करने से लोगों का जीवन खुशहाल होगा और 'आत्मनिर्भर भारत' बनेगा। ये घोषणाएं मांग में वृद्धि करेंगी। शैंपू, हेयर ऑयल, टूथपेस्ट, टूथब्रश, टॉयलेट सोप, शेविंग क्रीम, मक्खन, घी, चीज़ आदि को 5 प्रतिशत स्लैब में लाने से लोगों को सुविधा होगी। सिलाई मशीन और उसके पुर्जों को इसी स्लैब में शामिल करने से सिलाई उद्योग को फायदा मिलेगा। सरकार ने नक्शों, चार्ट, ग्लोब, पेंसिल, शार्पनर, इरेजर, एक्सरसाइज बुक और नोटबुक पर पूरी तरह छूट देकर शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। केंद्र सरकार यूं तो किसानों के कल्याण के लिए समय-समय पर कई घोषणाएं करती रहती है। उसने जीएसटी दरों में जो बदलाव किया है, उसमें भी किसानों का ध्यान रखा है। ट्रैक्टर और उसके पुर्जों एवं टायरों को 5 प्रतिशत स्लैब में लाने का फैसला खेती पर बढ़ते आर्थिक दबाव को कम करेगा। फसल बुआई और कटाई के दिनों में ट्रैक्टर पर खर्च बढ़ जाता है। कर दरों में बदलाव से किसान के लिए ट्रैक्टर खरीदना और उसका रखरखाव करना सस्ता हो जाएगा।
सीमेंट पर जीएसटी घटाकर 18 प्रतिशत करने से भवन निर्माण उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, जो लाखों लोगों को रोजगार देता है। इससे घर बनाने का सपना भी पूरा होगा। सरकार ने 33 जीवनरक्षक दवाइयों पर जीएसटी को घटाकर शून्य कर दिया, जो सराहनीय है। कैंसर, दुर्लभ बीमारियों और अन्य गंभीर दीर्घकालिक रोगों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 3 जीवनरक्षक दवाइयों पर जीएसटी शून्य होने से रोगियों और उनके परिवारों को बहुत राहत मिलेगी। 350 सीसी या उससे कम सीसी वाली छोटी कारों और मोटरसाइकिलों पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने से कम एवं मध्यम आय वाले परिवारों के लिए वाहन खरीदना आसान हो जाएगा। बस, ट्रक जैसे वाहनों पर जीएसटी घटाकर 18 प्रतिशत करने से इनके संचालन से जुड़े व्यवसायों को फायदा मिलेगा। यूएचटी दूध, पहले से पैक और लेबल वाले छेना या पनीर पर जीएसटी 5 प्रतिशत से घटाकर शून्य करने से आम परिवारों के लिए गुजारा करना आसान हो जाएगा। सभी भारतीय ब्रेड (चपाती, पराठा, परोटा आदि) से भी जीएसटी हटाने से करोड़ों परिवार हर महीने काफी राशि बचाने में समर्थ होंगे। जब सस्ती और सुलभ चीजें बाजार में मिलेंगी तो पोषण का स्तर बढ़ेगा। पैकेज्ड नमकीन, भुजिया, सॉस, पास्ता, इंस्टेंट नूडल्स, चॉकलेट, कॉफी, कॉर्नफ्लेक्स आदि पर जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत करने से आम आदमी का खानपान और लज़ीज़ हो जाएगा। सभी निजी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों और उनके पुनर्बीमा पर जीएसटी से छूट देने से बीमा कवरेज को बढ़ाने में मदद मिलेगी। केंद्र सरकार ने अपनी ओर से तो जनता को काफी फायदा पहुंचाने की कोशिश की है, लेकिन उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि जीएसटी सुधार धरातल पर दिखाई दें। ऐसा न हो कि कंपनियां खुद तो जीएसटी छूट ले लें और जनता पहले की तरह महंगाई की चक्की में पिसती रहे।

