मृत्यु को महोत्सव बनाएं

मृत्यु को महोत्सव बनाएं

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। यहां के जिनकुशलसूरी जैन आराधना भवन बसवनगुड़ी में विराजित साध्वीश्री नीलांजनाश्रीजी ने कहा कि जीवन में मूलभूत आवश्यकता विनय की है। समस्याएं प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में आती है उनको सहन करने की शक्ति धर्म देता है। जीवन में चार बातें दुर्लभ है। देव, गुरु, धर्म मिलना, जिनवाणी श्रवण, जिनवाणी पर श्रद्धा और उसका आचरण। इन चार चीज़ों को प्राप्त करने के बाद पॉंचवीं वस्तु निर्वाण स्वत: ही घटित हो जाता है। साध्वीवर्या ने सूत्र कृतांग सूत्र के चतुर्थ अध्ययन असंस्कृत और पंचम अध्ययन अकाममरण की व्याख्या करते हुए कहा कि परमात्मा ने 17 प्रकार के मरण बताए हैं। जीवन में मृत्यु आना अवश्यंभावी है, हमें अपनी मृत्यु को महोत्सव बनाना है, जब जीना सार्थक होगा। हमारे जीवन का पुष्प कभी भी मुरझा सकता है, इसलिए पहले हमें अपनी सुगंध से जीवन को महका देना चाहिए। हमें जीवन में शांति, मरण में समाधि और परलोक में सदगति को प्राप्त करना है और जब हम धर्म की आराधना करेंगे तो ही हमें सदगति प्राप्त होगी।

Google News
Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

Advertisement

Latest News

प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की
Photo: narendramodi FB page
गांव में नहीं आ रहा मोबाइल नेटवर्क? सरकार देने जा रही हज़ारों गांवों को बड़ी सौगात
पूरे देश से लोग आते हैं बेंगलूरु, हमें बुनियादी ढांचा तैयार करना होगा: डीके शिवकुमार
बेंगलूरु पीजी हत्या मामले में पुलिस ने आरोपी को भोपाल से गिरफ्तार किया
अग्निवीरों के लिए भाजपा शासित इस राज्य से आई अच्छी खबर, नौकरियों में मिलेगा आरक्षण
ट्रंप पर चलाई गई गोली के बारे में अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई ने किया बड़ा खुलासा!
कौन है बीएटी, जिसके हमले को हमारी सेना ने किया ​नाकाम?