आईसीसी से मंजूरी ले रहे हैं, धोनी नहीं हटाएंगे प्रतीक चिह्न: सीओए प्रमुख
आईसीसी से मंजूरी ले रहे हैं, धोनी नहीं हटाएंगे प्रतीक चिह्न: सीओए प्रमुख
लंदन/भाषा। प्रशासकों की समिति (सीओए) प्रमुख विनोद राय ने शुक्रवार को कहा कि महेंद्र सिंह धोनी विकेटकीपिंग के अपने दस्तानों पर कृपाण वाला चिह्न लगाना जारी रख सकते हैं क्योंकि यह सेना से जुड़ा नहीं है। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि बीसीसीआई ने इसको लेकर आईसीसी से मंजूरी देने के लिये कहा है।
भारत के दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरुआती मैच के दौरान धोनी के दस्तानों पर कृपाण वाला चिह्न बना हुआ था जो कि सेना के प्रतीक चिह्न जैसा लग रहा था। राय ने फोन पर बताया, बीसीसीआई पहले ही मंजूरी के लिए आईसीसी को औपचारिक अनुरोध कर चुका है। आईसीसी के नियमों के अनुसार खिलाड़ी कोई व्यावसायिक, धार्मिक या सेना का लोगो नहीं लगा सकता है। हम सभी जानते हैं कि इस मामले में व्यावसायिक या धार्मिक जैसा कोई मामला नहीं है।उन्होंने कहा, और यह अर्द्धसैनिक बलों का चिह्न भी नहीं है और इसलिए धोनी ने आईसीसी के नियमों को उल्लंघन नहीं किया है। उनका यह बयान आईसीसी के बीसीसीआई से किये उस अनुरोध के बाद आया है जिसमें विश्व में क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था से धोनी को दस्ताने से चिह्न हटाने के लिए कहने को कहा था। इस संदर्भ में उसने नियमों का हवाला दिया जो खिलाड़ियों को ‘राजनीतिक, धार्मिक या जातीय गतिविधियों या किसी उद्देश्य के लिए संदेश का प्रदर्शन करने से रोकते हैं।
धोनी प्रादेशिक सेना की पैराशूट रेजिमेंट के मानद लेफ्टिनेंट हैं और यह चिह्न उनके प्रतीक चिह्न का हिस्सा है। सीओए प्रमुख ने इस संदर्भ में कहा कि अर्द्धसैनिक बल के कृपाण वाले चिह्न में ‘बलिदान’ शब्द लिखा है जबकि धोनी ने जो लोगो लगा रखा उस पर यह शब्द नहीं लिखा है, लेकिन अगर आईसीसी ने कड़ा रवैया अपनाया तो यह तर्क भी नहीं चल पाएगा।
सीओए ने यह प्रतिक्रिया आईसीसी की आपत्ति को लेकर सोशल मीडिया पर आलोचना के बाद दी है। राय से पूछा गया कि अगर आईसीसी चिह्न हटाने पर अड़ा रहता था तो भारत की प्रतिक्रिया क्या होगी, उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि इसको हटाने के लिए आग्रह किया गया है, निर्देश नहीं दिए गए हैं। जहां तक हमारा सवाल है तो बीसीसीआई सीईओ (राहुल जोहरी) आस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच से पहले वहां पहुंच जाएंगे और आईसीसी के वरिष्ठ अधिकारियों से बात करेंगे।