सीएम ने किया कन्याकुमारी का दौरा
सीएम ने किया कन्याकुमारी का दौरा
चेन्नई। मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी ने मंगलवार को कन्याकुमारी का दौरा किया। इस दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने कुछ दिनों पहले आए ओखी चक्रवात से समुद्र में मछली पक़डने के समय लापता हुए राज्य के मछुआरों के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने ओखी के कारण प्रभावित हुए किसानों के खेतों और बगानों का जायजा भी लिया। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि वह जिले में ओखी चक्रवात के दौरान प्रभावित हुई फसलों के बारे में किए जा रहे सर्वेक्षण का कार्य जल्द से जल्द पूरा करे।उल्लेखनीय है कि ओखी चक्रवात के बाद यह पहली बार है जब मुख्यमंत्री कन्याकुमारी के दौरे पर हैं। द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सहित राज्य की अन्य विपक्षी पार्टियां मुख्यमंत्री के कन्याकुमारी नहीं जाने को लेकर उन पर निशाना साध रहे थे। हाल ही में राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने कन्याकुमारी के लापता मछुआरो के परिजनों से मुलाकात की थी जिसके बाद से ही लगातार इस बात की आलोचना हो रही थी कि जहां मुख्यमंत्री को जाना चाहिए वहां राज्यपाल जा रहे हैं।मत्स्य मंत्री ने बताया है कि मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कन्याकुमारी के तुतूर के मछुआरों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना। मुख्यमंत्री ने पिछले कुछ दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे तुतूर के मछुआरों को आश्वासन दिया कि सरकार अभी तक बचाए गए सभी मछुआरों को राज्य में वापस लेने के लिए हर संभव मदद करेगी। उन्होंने यहां के मछुआरों से कहा कि जल्द ही उन मछुआरों को आर्थिक मदद मिल जाएगी जिनकी नौकाओं को ओखी चक्रवात के दौरान नुकसान पहुंचा है।डी जयकुमार ने कहा कि अभी तक राज्य के ३,२६२ मछुआरों को बचा लिया गया है और उन्हें वापस लाने की दिशा में कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के ४६२ मछुआरों का अभी तक कोई पता नहीं चल सका है लेकिन उनके परिवार के सदस्यों को घबराने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि राज्य सरकार और केन्द्र सरकार द्वारा अभी भी मछुआरों को ढूंढने का कार्य जारी है। जयकुमार ने कहा है कि सरकार की ओर से चलाया जा रहा है यह बचाव अभियान तब तक समाप्त नहीं होगा जब तक सभी लापता मछुआरों का पता नहीं लगा लिया जाए। उन्होंने कहा है कि सरकार कच्चातीवू द्वीप को श्रीलंका से वापस प्राप्त करने की दिशा में भी लगातार प्रयासरत है ताकि राज्य के मछुआरों को श्रीलंका की नौसेना द्वारा गिरफ्तार किए जाने से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि चक्रवात के दौरान राज्य के कुछ मछुआरे अंतरराष्ट्रीय जल सीमा को भूलवश पारकर श्रीलंका की सीमा में तो नहीं पहुंच गए जिसके बाद उन्हें श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया हो। उन्होंने कहा कि इस बारे में श्रीलंका स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क कर जानकारी प्राप्त करने की कोशिश हो रही है।
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