भागवत का जीवन सामाजिक परिवर्तन और सद्भाव को मजबूत करने के लिए समर्पित है: मोदी
मोदी ने भागवत के 75वें जन्मदिन पर एक लेख में कहा ...
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नई दिल्ली/दक्षिण भारत। आरएसएस के सरसंघ चालक मोहन भागवत की बौद्धिक गहराई और सहानुभूतिपूर्ण नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि साल 2009 से आरएसएस प्रमुख के रूप में उनका कार्यकाल इसकी 100 साल की यात्रा में सबसे परिवर्तनकारी अवधि माना जाएगा।
भागवत के 75वें जन्मदिन पर गुरुवार को कई अखबारों में छपे एक लेख में मोदी ने कहा कि वे 'वसुधैव कुटुम्बकम्' के जीवंत उदाहरण हैं और उन्होंने अपना पूरा जीवन सामाजिक परिवर्तन तथा सद्भाव और भाईचारे की भावना को मजबूत करने के लिए समर्पित कर दिया है।उन्होंने कहा कि यह एक सुखद संयोग है कि इस वर्ष आरएसएस की 100 वर्ष की यात्रा विजयादशमी के दिन ही महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है। उन्होंने कहा कि भागवत के रूप में इस हिंदुत्व संगठन के पास एक बहुत ही बुद्धिमान और मेहनती प्रमुख हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने दिखाया है कि जब लोग सीमाओं से ऊपर उठते हैं और सभी को अपना मानते हैं, तो इससे समाज में विश्वास, भाईचारा और समानता मजबूत होती है।
उनके मृदुभाषी स्वभाव की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि भागवत को सुनने की असाधारण क्षमता प्राप्त है, जो उन्हें एक गहन परिप्रेक्ष्य प्रदान करती है तथा उनके व्यक्तित्व और नेतृत्व में संवेदनशीलता और गरिमा की भावना लाती है।
मोदी ने कहा कि सरसंघचालक होना एक संगठनात्मक जिम्मेदारी से कहीं अधिक है। उन्होंने कहा कि असाधारण व्यक्तियों ने व्यक्तिगत त्याग, उद्देश्य की स्पष्टता और देश के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के माध्यम से इस भूमिका को परिभाषित किया है।
उन्होंने कहा, 'मोहनजी ने जिम्मेदारी की विशालता के साथ पूरा न्याय करने के अलावा, इसमें अपनी ताकत, बौद्धिक गहराई और सहानुभूतिपूर्ण नेतृत्व का भी परिचय दिया है, जो सभी राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत से प्रेरित हैं।'
उन्होंने कहा, 'अगर मैं दो ऐसे गुणों के बारे में सोच सकता हूं जिन्हें मोहनजी ने अपने दिल के करीब रखा और अपनी कार्यशैली में आत्मसात किया, तो वे हैं निरंतरता और अनुकूलन।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि भागवत ने जटिल धाराओं के बीच संगठन का नेतृत्व किया है, कभी भी अपनी मूल विचारधारा से समझौता नहीं किया है जिस पर सभी को गर्व है और साथ ही, समाज की उभरती जरूरतों को भी संबोधित किया है।
मोदी ने कहा, 'युवाओं के साथ उनका स्वाभाविक जुड़ाव है और इसीलिए उन्होंने हमेशा अधिक से अधिक युवाओं को संघ परिवार में शामिल करने पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्हें अक्सर सार्वजनिक संवाद में शामिल होते और लोगों से बातचीत करते देखा जाता है, जो आज की गतिशील और डिजिटल दुनिया में बहुत फायदेमंद रहा है।'
उन्होंने 'स्वच्छ भारत मिशन' और 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' जैसे अपनी सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों में उनकी गहरी रुचि की सराहना की।
मोदी ने कहा, 'वे हमेशा पूरे आरएसएस परिवार से इन आंदोलनों में शामिल होने का आग्रह करते हैं। सामाजिक कल्याण को आगे बढ़ाने के लिए, मोहनजी ने 'पंच परिवर्तन' दिया है, जिसमें सामाजिक सद्भाव, पारिवारिक मूल्य, पर्यावरण जागरूकता, राष्ट्रीय अस्मिता और नागरिक कर्तव्य शामिल हैं। ये सभी क्षेत्रों के भारतीयों को प्रेरित कर सकते हैं।'


